कोर्स के अनुरूप योग्यताएं
कोर्स के अनुरूप कैंडिडेट को योग्य होना चाहिए। प्ले और प्राइमरी स्कूलों में टीचिंग के लिए न्यूनतम इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होना जरूरी है। टीचर ट्रेनिंग के कोर्स में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग, एलीमेंट्री टीचर्स ट्रेनिंग तथा बैचलर ऑफ एलीमेंट्री एजुकेशन मुख्य हैं। ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) बनने के लिए आप ग्रेजुएशन के बाद एक साल का बैचलर ऑफ एजुकेशन (बी.एड) कर सकते हैं। लगभग हर प्रमुख यूनिवर्सिटी में बीएड का कोर्स चयन परीक्षा के माध्यम से कराया जाता है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद बीएड करने पर आप पीजीटी ग्रेड के टीचर बन सकते हैं। वैसे बीएड के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 45-50 फीसदी अंकों के साथ स्नातक है। फिजिकल एजुकेशन में मास्टर्स या बैचलर कोर्स करके आप डिग्री के आधार पर मिले ग्रेड पर स्पोर्ट्स टीचर बन सकते हैं। एमएड, एमफिल और पीएच-डी करने के लिए संबंधित सब्जेक्ट में पोस्ट ग्रेजुएशन होने के साथ यूजीसी के मानकों के अनुरूप एजुकेशन होना अनिवार्य है, तभी आप यह डिग्री लेकर कालेजों, यूनिवर्सिटीयों में शिक्षण कार्य के योग्य हो पाएंगे। बीएड के बाद अब टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट भी होता है। यह सभी स्कूलों में पढाने वाले के लिए अनिवार्य है।
प्रोग्रेस के चांसेज
स्कूल लेवल पर टीचिंग के लिए प्राइमरी, सेकेंडरी, हायर सेकेंडरी, स्पोर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन टीचर बनने सहित कई स्तरों पर चांसेज हैं। टीचिंग में अच्छा खासा अनुभव होने के बाद आप प्रिंसिपल बन सकते हैं। केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, राज्य सरकार तथा निजी क्षेत्र द्वारा संचालित स्कूल में तो समय-समय पर वैकेंसी निकलती ही रहती हैं, इसके अलावा, गल्फ तथा अरेबियन कंट्रीज में भी बीएड डिग्री धारकों की मांग हाल के दिनों में बढी है। इसी प्रकार कॉलेज स्तर पर यदि आप आर्ट्स, साइंस, सोशल साइंस, कामर्स, एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन, फॉरेन लैंग्वेज और लॉ विषयों में पोस्ट ग्रेजुएट हैं तो यूजीसी, सीएसआईआर द्वारा आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट या ऐसे ही अन्य टेस्ट्स क्वालीफाई करके या पीएचडी करने के बाद भी आप असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं। इसके लिए आपका एजुकेशनल रिकॉर्ड अच्छा होना बहुत ही जरूरी है। नेशनल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत संबंधित विषय में कम से कम 55 फीसदी अंकों से मास्टर्स लेवल की डिग्री प्राप्त करना योग्यता की शर्त होती है। फॉरेन यूनिवर्सिटी से समकक्ष डिग्री लेकर भी आप इस स्तर की टीचिंग में आ सकते हैं।
जरूरी स्किल्स |
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कूल माइंड खोजी सोच सब्जेक्ट पर मजबूत पकड हर वक्त नया सीखने की प्रवृत्ति कमजोर बच्चों को पहचानने की क्षमता गरिमा के अनुरूप अपडेट रहने की क्षमता स्टूडेंट के साथ मधुर व्यवहार |
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