संघ लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2011 की सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा का आयोजन देश के विभिन्न केन्द्रों पर 29 अक्टूबर 2011 से 26 नवम्बर 2011 के मध्य किया. यहां पर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2011 के मैथिली का द्वितीय प्रश्न-पत्र दिया गया है. इच्छुक अभ्यर्थी इसे पढ़कर अपनी तैयारी की रणनीति बना सकते हैं.
MAITHILI
Paper-II
(Literature)
Time Allowed: Three Hours Maximum Marks: 300
INSTRUCTIONS
Candidates should attempt Question Nos. 1 and 5 which are compulsory, and any THREE of the remaining questions, selecting at least ONE question from each section.
The number of marks carried by each question is indicated at the end of the question. Answers must be written in Maithili.
Section-A
1. निम्नलिखित अवतरणक भावकेँ स्पष्ट करैत एकर काव्य-वैशिष्ट्यकें निर्दिष्ट कए सप्रसंग व्याख्या करू (उत्तर अधिकतम 150 शब्दमे दातव्य): 15x4=60
(क) अभियान करक अछि आइ शक्ति-संचय हित
अभियान हमर सत्पथ पर दृढ़ निश्चय हित
दानवताकें निर्मूल करय भूतलसँ
अभियान हमर ई निज शक्तिक परिचय हित.
(ख) अनल अनिल बम मलयज बीख
जे छल सीतल से भेल तीख.
चान्द सन्ताबए सविताहु जीनी
नहि जीवन एकमत भेल तीनि.
किछु उपचार न मानए आन
एहि बेआधि अथिक पचवान.
(ग) पाबि पराभव जे बैसथि कर जोड़ि
करइत अपन सहन शक्तिक व्यवहार
पौरुष तनिक सिरजि बहुविध सन्ताप
होइछ व्यर्थ यथा यौवन विधवाक .
(घ) बनिआ-लीडर-अफसर तीन त्रिमूर्ति,
क रहला अछि अपन मनोरथ पूर्ति.
अपना लए सभ अनका हेतु बडोंर,
तइपर फाटन्हि रहि-रहि कतै बुकौर.
2. (क) ‘सुन्दर-काण्ड’ क ‘आधार’ पर कवीश्वर चन्दा झाक काव्य-सौष्ठवक विवेचना करू. 30
(ख) “कवीश्वर चन्दा झा अपन रामायणक रचना अध्यात्म रामायणक आधार पर कएल, ओ से मूलसँ ततेक अधिक मिलैत अछि जे एकरा अधिकांशत: अध्यात्म रामायणक अनुवाद कही तं दोष नहि” –एहि कथनक सत्यता प्रमाणित करू. 30
3. (क) सामाजिक कुचक्रमे’ पिसाइत नारीक मनोवैज्ञानिक अन्तदूरन्दूकें चित्रित करएमे ‘यात्री’जी अत्यन्त संवेदनशील छथि- ‘चित्रा’ क आधार पर एहि उत्तिक समीक्षा करू. 30
(ख) तन्त्रनाथ झा-द्वारा रचित ‘कीचक-वध’ महाकाव्यक आधार पर हुनक काव्य-प्रतिभाक परिचय दिअ. 30
4. (क) ‘कृष्ण- जन्म’ महाकाव्य अछि-प्रमाणित करू. 30
(ख) भाव, भाषा ओ काव्य-सौष्ठव तीनू दृष्टिएँ गोविन्ददासक रचना नारिकेल फलसम्मतक रसास्वादन करबैछ-एहि उत्तिक समीक्षा करू. 30
Section-B
5. निम्नलिखित गद्यांशक अभिव्यंजनागत ओ कथ्यगत वैशिष्टय्कें निर्दिष्ट करैत सन्दर्भ-सहित व्याख्या करू (उत्तर अधिकतम 200 शब्दमे दातव्य): 20x3=60
(क) भाषाक विकासो तं सरकारेक कर्त्तव्य छैक. जतेक सहयोगक आशा हमरालोकनि सरकारसँ करैत छी की तकर दसमांसो पूरा भेल? कतेको बहुमूल्य ग्रन्थ लिखल राखल अछि, तकरा दिवार खा रहल छै. एकर प्रकाशनक व्यवस्था होयबाक चाही कि नै? ताहि भेल सरकार की कs रहल अछि?
(ख) असलमे धरती जोतनिहारक थिक. हरबाह थिक जे धरतीक असल बेटा थिक. जे अपन पसेनासँ धरती – माताकें पूजै अछि. कएदिन देखलहक अछि मालिककें अपन पसेनासँ धरती – माताक पूजा करैत? देखहक सरकारी कानून त” जरूर सोचि विचारिक’ बनै छैक ने. पटीदारक नामे खाता कि सिकभी-खाता खोलबाक कानून जरूर कोनो इनसाफसँ बनल हेतै. हम सभ निपढ़ छी तइँ तने नै बुझियै, मगर ई सोचबाक चाही जे सब कानूनक पाछौ कोनो निसाफ जरूर रहै छैक.
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