भारत सहित दुनिया भर में ऐसी कंपनियां सफलता की बुलंदियां छू रही हैं, जिन्होंने अपनी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को न सिर्फ क्रिएट, बल्कि उसे प्रोटेक्ट भी किया है। माइक्रोसॉफ्ट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। अपने सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स के बल पर आज यह आइटी सेक्टर की अग्रणी कंपनी है। इसके सभी प्रोग्राम्स कॉपीराइट के तहत प्रोटेक्टेड हैं। हाल के दिनों में इंडिया में ट्रेडमार्क और डिजाइन सेक्टर में काफी काम हुआ है। इसी तरह फार्मास्युटिकल, टेक्नोलॉजी और एग्रीकल्चर के क्षेत्र में भी नए इनोवेशंस हो रहे हैं। कंपनियों द्वारा अपने प्रोडक्ट्स का पेटेंट कराने की रफ्तार तेज हुई है और इसी के साथ बढ़ी है पेटेंट लिटिगेशन की संख्या। इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अपीलेट बोर्ड (आइपीएबी) के सामने केसेज बढ़ते जा रहे हैं। जाहिर है, आइपी लॉ ग्रेजुएट्स की भूमिका और अहमियत दोनों बढ़ रही है।
क्या है इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ वह कानूनी अधिकार है, जो किसी क्रिएटर, डिजाइनर, आविष्कारक या ओनर द्वारा बनाए गए विशेष उत्पाद, डिजाइन, क्रिएटिव एक्सप्रेशन, न्यू प्लांट वैरायटी, सेमीकंडक्टर चिप्स या ज्योग्राफिकल इंडिकेशन आदि को संरक्षित करता है। उस पर किसी दूसरे द्वारा अधिकार जमाने, उसका गलत इस्तेमाल करने से रोकता है।
वर्क प्रोफाइल
आइपी लॉ एक्सपर्ट कंपनियों के ट्रेड सीक्रेट्स को संरक्षित करता है। पेटेंट भी यही ड्राफ्ट करता है। किसी कंपनी या व्यक्ति द्वारा निर्मित कार्य, ट्रेड या बिजनेस को प्रोटेक्ट करने, उसका रजिस्ट्रेशन कराने की जिम्मेदारी इनकी ही होती है। वह यह सुनिश्चित करते हैं कि क्रिएटिव लोग नए क्रिएशन या इनोवेशन कर सकें। उन्हें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से लेकर पेटेंट के रख-रखाव में किसी प्रकार की दिक्कत न आए। आइपी एक्सपर्ट कंपनियों की बौद्धिक संपदा जांचने में मदद करते हैं, जिससे कि उनके वेल्थ को सुरक्षित रखा जा सके।
कैसे करें कोर्स
इंडिया में कई यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट्स इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ में डिग्री, मास्टर्स, पीजी डिप्लोमा, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स संचालित करते हैं। ये कोर्सेज फुलटाइम, पार्ट टाइम या डिस्टेंस लर्निंग के तहत किए जा सकते हैं। ज्यादातर लॉ कोर्स में आइपी एक मॉड्यूल के रूप में होता है। वैसे आप आइपी लॉ में अलग से स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं। साइंस, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी ग्रेजुएट आइपी लॉ का कोर्स कर सकते हैं। वे चाहें, तो भारत सरकार के पेटेंट ऑफिस द्वारा आयोजित की जाने वाली पेटेंट एजेंट परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद पेटेंट एजेंट के रूप में काम करने का अधिकार मिल जाता है।
जॉब अपॉच्र्युनिटीज
आज जिस तरह से इकोनॉमी प्रोग्रेस कर रही है, कंपनीज को आइपी प्रोटेक्शन की जरूरत महसूस होने लगी है। लिहाजा इंडिया से लेकर विदेशों तक आइपी अटॉर्नी और पेटेंट एजेंट की अच्छी-खासी डिमांड है। खासकर इंफॉर्मेशन ऐंड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी और लाइफ साइंसेज के सेक्टर में। वैसे, आइपी लॉ प्रोफेशनल चाहें, तो एफएमसीजी, लॉ फम्र्स, एग्रो, सॉफ्टवेयर और फार्मास्युटिकल कंपनीज, शैक्षिक संस्थानों, कॉस्मेटिक एवं ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियों, पब्लिशिंग हाउस आदि में भी मौके तलाश सकते हैं। इसके अलावा, इंडिया में कई आइपी फम्र्स हैं, जहां आइपी लॉ में स्पेशलाइजेशन रखने वाले साइंस या इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की खूब डिमांड रहती है।?
टॉप इंस्टीट्यूट्स
-राजीव गांधी स्कूल ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ, आइआइटी खडग़पुर
www.rgsoipl.iitkgp.ernet.in/
-इंस्टीट्यूट ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी स्टडीज, मुंबई
www.iips.nmims.edu/
-एमिटी लॉ स्कूल, दिल्ली
www.amity.edu/als
-एशियन स्कूल ऑफ साइबर लॉ, पुणे
www.asianlaws.org
मास्टर्स से मिलेगी ग्रोथ
आइपी लॉ प्रोफेशनल्स पेटेंट एनालिटिक्स, पेटेंट मैनेजर, पेटेंट साइंटिस्ट, आइपी मैनेजर्स के रूप में काम कर सकते हैं। इन दिनों विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठान आइपी प्रोफेशनल्स को हायर कर रही हैं। भारतीय कंपनियों के अलावा एमएनसी की सब्सिडियरी कंपनीज में आइपी एक्सपीरियंस्ड लॉयर्स यानी आइपी में मास्टर्स या पीएचडी करने वालों की अच्छी डिमांड है। खडग़पुर का आइआइटी लॉ स्कूल, इंडस्ट्री की इस मांग के मद्देनजर स्किल्ड फोर्स तैयार करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है.
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ क्रिएशन को करें प्रोटेक्ट
भारत सहित दुनिया भर में ऐसी कंपनियां सफलता की बुलंदियां छू रही हैं, जिन्होंने अपनी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को न सिर्फ क्रिएट, बल्कि उसे प्रोटेक्ट भी किया है.
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