आज दुनिया भर की सरकारें पर्यावरणीय खतरों के प्रति काफी सचेत हुई हैं, जिसके चलते इको फ्रैंडली टेक्नोलॉजी, कम प्रदूषणकारी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं पौधों को उपजाने की नई-नई विधियों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में उन युवाओं के लिए अच्छे मौके जन्म ले चुके हैं, जो प्लांट ब्रीडिंग की फील्ड में अवसरों की थाह ले रहे हैं।
क्या है प्लांट ब्रीडिंग
प्लांट ब्रीडिंग में कार्यरत लोग, पौंधों को विकसित करने, उनकी देख रेख, तकनीकों की मदद से विकास में आने वाली समस्याएं आदि दूर करते हैं। इसके लिए देश में जगह-जगह प्लांट ब्रीडिंग सेंटर खोले गए हैं, जहां एग्रीकल्चर इंजीनियर, वैज्ञानिक, पौंधों के विकास के लिए कार्यरत हैं। इसके अलावा तकनीकी रूप से खात्मे की कगार पर पहुंच चुके दुर्लभ पौधों के विकास, प्रिजर्वेशन का काम भी किया जाता है।
क्यों अहम है प्लांट ब्रीडिंग
प्लांट ब्रीडिंग का क्षेत्र कॅरियर के साथ पर्यावरण विकास की भी जरूरत है। यह इस लिहाज से और महत्वपूर्ण हो जाता है कि भारत बायोलॉजिकल डायवर्सिटी से भरा देश है, जहां हर बदलती जलवायु के साथ वनस्पतियों के विविध रूप देखे जा सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस प्राकृ तिक विविधता को न केवल सहेज कर रखा जाए, बल्कि इसमें बढोत्तरी भी की जाए। इस मकसद को पूरा करने के लिए सरकार ने अनेक प्लांट रिसर्च सेंटर, बायोलॉजिकल पार्क, प्लांट क्लीनिक खोले हैं।
योग्यता जरूरी
इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए कुछ खास क्वालीफि केशन्स की दरकार होती है। दरअसल इस क्षेत्र में ज्यादातर काम शोध आधारित होता है। इसलिए प्लांट ब्रीडिंग के क्षेत्र में काम करने के लिए पौधों पर आधारित कॉन्सेप्चुअल ज्ञान जरूरी माना जाता है। यह तभी संभव है, जब आपके पास इस फील्ड में बेहतर डिग्री या फिर कोर्स स्पेशलाइजेशन हो। वैसे ज्यादातर सरकारी संस्थान, कॉलेज, बायोटेक्नोलॉजी फर्म्स, एग्रीकल्चर कंसल्टेंसी फर्म व वानिकी संस्थान बॉटनी या प्लांट ब्रीडिंग में परास्नातकों को वरीयता देते हैं। अन्य स्किल्स में प्रकृति से आपकी नजदीकी, पर्यावरण प्रेम, जैव संपदा के प्रति संवेदनशीलता भी उतनी ही जरूरी हैं।
कहां हैं रोजगार के अवसर
प्लांट ब्रीडिंग के क्षेत्र में इन दिनों अवसरों की भरमार है। सरकारी, प्राइवेट, शोध और कृषि, सभी जगह प्लांट ब्रीडिंग कॅरियर्स की संभावनाएं बढीं हैं। प्राइवेट क्षेत्र में दवा कंपनियां, नर्सरी, बायोटेक्नोलॉजी फर्म, ऑयल इंडस्ट्री, पेपर कंपनियां, फल उत्पादक फर्म भी बडी संख्या में योग्य युवाओं की तलाश में रहते हैं। यदि आप सरकारी क्षेत्र में काम करके अपने कॅरियर को स्थायित्व देना चाहते हैं तो यहां अवसर ही अवसर हैं। यदि आप उचित योग्यता रखते हैं तो फिर इंडियन कांउसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च, भारतीय वन सेवा के साथ कृषि विभाग में भी आपके लिए अच्छे खासे मौके हैं।
कौन कौन से हैं संस्थान
गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी,नई दिल्ली।
गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय,हरिद्वार
जीवाजी यूनिवसिर््ेाटी,ग्वालियर
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी, लखनऊ
नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी,पटना
लखनऊ विश्वविद्यालय,लखनऊ
इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी,दिल्ली
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी,नई दिल्ली
अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी,अलीगढ
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी,इलाहाबाद
फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट,देहरादून
रांची यूनिवर्सिटी,रांची
गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी,कुरुक्षेत्र
सीएसजेएम यूनिवर्सिटी,कानपुर
जोश डेस्क
कॅरियर ब्रीड करती प्लांट ब्रीडिंग
आज दुनिया भर की सरकारें पर्यावरणीय खतरों के प्रति काफी सचेत हुई हैं, जिसके चलते इको फ्रैंडली टेक्नोलॉजी, कम प्रदूषणकारी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है
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