कहते हैं कि कोई व्यक्ति यदि सकारात्मक सोच रखता है, तो किसी कार्य में उसे आधी सफलता वैसे ही मिल जाती है। और दरअसल, इसीलिए जैसा आप सोचते हैं, उसी हिसाब से जीवन की दिशा भी निर्धारित होती है। यदि आप सामान्य जीवन बिता रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप सीमित दुनिया में जी रहे हैं! ध्यान रहे कि हर व्यक्ति की सोच, विचार और विजन एक समान नहीं होता है। वास्तव में, सोच यूनिवर्स की शक्ति और ऊर्जा को जोडने का माध्यम है। इसलिए जितनी अधिक पॉवरफुल और सकारात्मक आपकी सोच होगी, आपका आउटपुट भी उतना ही बेहतर होगा। यदि हम किसी भी चीज की कल्पना करते हैं, तो हमारे सामने उसका एक चित्र उभर कर आता है। आगे, हमारी यह कल्पना सच्चाई में तब्दील हो जाती है। यदि कल्पना को सही दिशा दी जाए, तो यह आपको सफलता भी दिला सकती है। दरअसल, हमें हमेशा यह याद रखना होगा कि हमारी सोच एक इमेज बनाती हैं और याददाश्त भी हमारी सोच से ही बनती है। सच तो यह है कि हमारा एटिट्यूड हमारी याददाश्त से गाइड होता है। बाद में किसी भी प्रकार का ऐक्शन या काम के प्रति अप्रोच हमारे एटिट्यूड का ही परिणाम है। देखा जाए, तो हमारी सफलता में एटिट्यूड का अहम रोल होता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि बार-बार अपने लक्ष्य के बारे में सकारात्मक सोचने से ही सफलता मिलती है। यह अच्छी तरह समझ लें कि जैसा आप सोचते हैं, ठीक वैसी ही सफलता भी मिलती है। कहने का मतलब यह है कि यदि आप अपनी सफलता को लेकर सशंकित रहते हैं, तो आप सफल नहीं हो सकते। सच तो यह है कि हमारे व्यक्तित्व के अदृश्य आयाम में असीमित शक्ति होती है, जो कि हमारी सोच को सच साबित करते हैं। इसलिए आप अपनी सोच को विजुअॅल यानी चित्र के रूप में देखें, लेकिन अपने बारे में हमेशा पॉजिटिव ही सोचें। इसके लिए आप स्वयं के साथ दोस्ती रखें।
ए. के. मिश्रा
(लेखक चाणक्य आईएएस एकेडमी के डायरेक्टर हैं)
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