विदेशों में हिंदी का बोलबाला पहले से ही है। हिंदी है ही इतनी मीठी जुबान कि लोग खुद ही इसको सीखने और जानने के लिए उतावले हैं। दरअसल विदेशी लोग हिंदी के माध्यम से भारतीय परंपरा से जुडना चाहते हैं।
अभिषेक शर्मा,कम्प्यूटर साइंस छात्र
मजबूत होंगे संबंध
दोनों देशों के संबध अच्छे होंगे भाषा हमेशा एक दूसरे को जोडने का माध्यम होती है। मैं आस्ट्रेलिया सरकार को सलाम करता हूं कि उन्होंने अपनी यहां की एक यूनिवर्सिटी में हिंदी को शामिल किया है।
कर्तव्य शर्मा, सीएसई छात्र।
व्यापार के लिए अच्छा
विदेशों में हिंदी को ज्यादा तरजीह देने का मतलब है भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को और मधुर करना। क्योंकि जब बोलचाल की भाषा में सरलता और सहजता रहेगी तो व्यापार करने में और आसानी होगी।
अभि शर्मा, छात्र
घटेंगी दिलों की दूरियां भी
पिछले अगर दो सालों में देखा जाए तो आस्ट्रेलिया में कई भारतीय छात्रों को वहां के नागरिकों ने बेवजह निशाना बनाया है जिसका मुख्य कारण आपसी तालमेल न होना। निश्चित ही अब हिंदी के प्रचलन से वहां पर फैली दूरियां कम होंगी । आस्ट्रेलिया का यह फैसला स्वागत योग्य है।
श्वेता कुमारी, आई टी छात्रा
प्रस्तुति: रमेश ठाकुर
बढ़ेगा हिंदी का रुतबा
विदेशों में हिंदी का बोलबाला पहले से ही है
Comments
All Comments (0)
Join the conversation