घूमने का शौक शुभम को बचपन से ही था। इसलिए उसे जब भी मौका मिलता, दूर-दराज के जंगलों में घूमता रहता। दरअसल, जंगलों में पशु-पक्षियों का अपने प्राकृतिक निवास में देखना उसे काफी रोचक लगता था। इस घुमंतू प्रवृत्ति के कारण ही उसे कई बार घर में डांट भी सुननी पडी। हालांकि शुभम की रुचि को देखते हुए उसके पिता ने उसे वन में ही करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। पिता के इस तरह के प्रोत्साहन के बाद वह उसी दिन से वन से संबंधित करियर विकल्पों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने लगा। साइंस से बारहवीं उत्तीर्ण करने के बाद शुभम ने बीएससी फॉरेस्ट्री से किया। इसके बाद यूपीएससी द्वारा आयोजित आईएफएस परीक्षा पास करके वह वन अधिकारी के रूप में जंगलों की सैर के साथ ही इन दिनों विदेश भ्रमण भी कर रहा है। आज उसके पास पद, पैसा और प्रतिष्ठा के साथ मनपसंद जॉब भी हैं। यदि आपका भी मन हरे-हरे वृक्षों को देखने, पशु-पक्षियों के क्रिया-कलापों को जानने के साथ-साथ समाज के लिए कुछ करने का जज्बा है, तो फॉरेस्ट्री आपके लिए बेहतर विकल्प है।
कोर्स
वैसे तो वन अधिकारी बनने के लिए साइंस विषय से स्नातक होना जरूरी है, लेकिन यदि आप इस विषय से संबंधित स्पेशलाइज्ड कोर्स करते हैं, तो इस क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने के साथ ही आपको कई फायदे भी मिल सकते हैं। इस क्षेत्र में मुख्यत: निम्न प्रकार के पॉपुलर कोर्स हैं :
बीएससी फॉरेस्ट्री
एमएससी फॉरेस्ट्री
बीएससी वाइल्ड लाइफ
एमएससी वाइल्ड लाइफ
एमएससी वुड साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी
योग्यता
बैचलर डिग्री में नामांकन के लिए मान्यता प्राप्त बोर्ड से साइंस में बारहवीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। वैसे तो सभी संस्थान फॉरेस्ट्री से संबंधित विषय में डिग्री प्राप्त करने के बाद ही पीजी में प्रवेश देते हैं, लेकिन कुछ संस्थान बीएससी साइंस से उत्तीर्ण युवकों को भी एमएससी फॉरेस्ट्री कराते हैं। इसलिए अब यह आप पर ही निर्भर करता है कि आप किस तरह का कोर्स करना चाहते हैं!
आवश्यक गुण
इस क्षेत्र में, खासकर उन्हीं युवकों को सफलता मिलती है, जिन्हें बाहर घूमने की इच्छा, स्पिरिट ऑफ एडवेंचर, फिजिकल फिटनेस, साइंटिफिक टेम्परामेंट, देर तक काम करने का जुनून, डिसिजिन मेकिंग एबिलिटी आदि गुण होते हैं।
कहां मिलेगी नौकरी
आईएफएस में
इंडस्ट्री में एग्रिकल्चर ऐंड इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट
इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च ऐंड एजुकेशन
वाइल्ड लाइफ रिसर्च इंस्टीटयूट
जूलॉजिकल पार्क
वाइल्ड लाइफ रेंज
एजुकेशन सेक्टर
सैलॅरी
इस प्रोफेशन में यदि आप यूपीएससी के माध्यम से सिलेक्ट होते हैं, तो आपको सरकारी नियमानुसार अधिकारी रैंक के बराबर ही पैसा मिलेगा। यदि निजी क्षेत्रों में सिर्फ फॉरेस्ट्री में बीएससी करके नौकरी करते हैं, तो शुरुआती सैलॅरी होगी पंद्रह हजार रुपये। एक्सपीरियंस के बाद लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
बिरसा एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी, रांची
कॉलेज ऑफ एग्रिकल्चर, पंतनगर
फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीटयूट, देहरादून
एग्रिकल्चर कॉलेज ऐंड रिसर्च इंस्टीटयूट, कोयंबटूर
ओडिसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रिकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर
केरल एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी
गुजरात एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी
कॉलेज ऑफ हार्टिकल्चर ऐंड फॉरेस्ट्री, सोलन
कॉलेज ऑफ एग्रिकल्चरल इंजीनियरिंग, पंजाब एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना
कॉलेज ऑफ एग्रिकल्चरल इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी, चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रिकल्चरल यूनिवर्सिटी, हिसार
फॉरेस्ट्री का है क्रेज
इन दिनों फॉरेस्ट्री का काफी क्रेज देखा जा रहा है। इस सर्विस की क्या है खासियत और इसमें किस तरह के विकल्प हैं उपलब्ध, हमने बात की एफआरआई, देहरादून के डीन डॉ. आर. के. आईमा से ..
वन को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है?
यह क्षेत्र मनुष्य के जीवन से जुडा हुआ है, इसलिए यदि धरती पर वृक्ष नहीं रहेंगे, तो मनुष्य का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। हम जिस कार्बन डॉयऑक्साइड को हवा में छोडते हैं, उसे पहले वृक्ष ग्रहण करते हैं और बदले में ऑक्सीजन छोडते हैं। दरअसल, इसी ऑक्सीजन को हम सांस लेने के दौरान ग्रहण करते हैं। आजकल सभी जगह ग्लोबल वार्मिग की चर्चा सुन रहे हैं। ग्लोबल वार्मिग को दूर करने के लिए वृक्ष महत्वपूर्ण सहयोगी हैं। इसके अतिरिक्त कॉस्मेटिक सामान और औषधि भी इन्हीं जंगलों से हमें मुफ्त उपहार के रूप में मिलते हैं।
यह अन्य प्रोफेशन से किस तरह अलग है?
सभी प्रोफेशन की अपनी-अपनी खासियत होती है, लेकिन जहां तक फॉरेस्ट सर्विस की बात है, तो इसमें पद और प्रतिष्ठा के साथ-साथ आत्मिक संतुष्टि भी मिलती है। इस सेवा में आने के बाद आपको हमेशा सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास होता है।
जॉब की कितनी संभावनाएं हैं?
यदि आपके पास इस क्षेत्र से संबंधित डिग्री है, तो आपको सरकारी सेवाओं के अलावा, निजी संस्थान, रिसर्च इंस्टीटयूट, एनजीओ आदि में भरपूर मौके मिलेंगे। यूपीएससी हर वर्ष इसके लिए परीक्षा आयोजित करता है। इसके अलावा, हर राज्य में इससे संबंधित पदों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से परीक्षा भी ली जाती है। आप उपर्युक्त किसी भी क्षेत्र में करियर संवार सकते हैं।
विदेश में किस तरह के अवसर हैं?
विदेश में वनों की रक्षा के लिए अनेक संस्थान सरकारी और निजी स्तर पर चलाए जा रहे हैं। वहां बहुत अधिक संख्या में भारतीय काम कर रहे हैं। भारत में ही ट्रेंड प्रोफेशनलों की काफी कमी है।
इस क्षेत्र में आनेवाले युवकों को क्या सलाह देंगे?
वृक्षों से बांध नहीं बंध सकते..उद्योग नहीं खडा कर सकते.. न ही पत्थर और न ही हीरे की खदाने खोजी जा सकती हैं, लेकिन एक बात तय है कि इनके बिना मनुष्य एक पल भी जिंदा नहीं रह सकता है। इसलिए आपका दायित्व बनता है कि धरती की इस अमूल्य निधि को किसी भी स्थिति में बचाने के लिए कृतसंकल्प रहें।
इंडियन फॉरेस्ट सर्विस एग्जामिनेशन
परीक्षा की तिथि 11 जुलाई, 2009
विजय झा
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