इधर एक दो दशक से भारत में मशरूम की मांग में इजाफा हो रहा है। इसे देखते हुए मशरूम के बडे पैमाने पर उत्पादन की आवश्यकता है। वैसे तो मशरूम के उत्पादन में लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन जितनी मांग है, उसे देखते हुए इसे कम ही कहा जाएगा। हालांकि अब गांव ही नहीं शहरों में भी शिक्षित युवा मशरूम उत्पादन को कॅरियर के रूप में लेने लगे हैं। मशरूम की खेती को कम स्थान पर, कम लागत में शुरू किया जा सकता है और लागत की तुलना में मुनाफा कई गुना तक अधिक होता है। बेरोजगार युवकों के लिए स्वरोजगार के नजरिए से भी यह सेक्टर कहीं फायदेमंद हो सकता है।
मशरूम क्या है?
मशरूम कवक समूह के अंतर्गत आने वाला एक वर्ग है। इसमें से कुछ पौष्टिक तत्वों से भरपूर और खाने के योग्य होते हैं। डॉक्टर और डाइटीशियन्स मोटापा, हार्ट डिजीज और मधुमेह के रोगियों को इसका सेवन करने की सलाह देते हैं। एक भोज्य पदार्थ के रूप में इसका चलन निरंतर बढता जा रहा है। इस मांग के कारण ही मशरूम को वृहत स्तर पर उपजाने की आवश्यकता हो गई है।
प्रशिक्षण की आवश्यकता
सामान्य तकनीक से मशरूम का उत्पादन करने वालों की तुलना में आधुनिक एवं ट्रेंड लोग कई गुना अधिक मशरूम का उत्पादन कर लेते हैं। यह उत्पादन की अधिकता सीधे-सीधे अधिक आय को सामान्य लोगों से कई गुना तक बढा देती है। देश में मशरूम की बढती डिमांड को तभी पूरा किया जा सकता है, जब इसकी पैदावार में तीव्र गति से इजाफा किया जाए। इस बात को ध्यान में रखकर विभिन्न भारतीय कृषि विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में मशरूम के उत्पादन से संबंधित विभिन्न तरह के कोर्साे का संचालन किया जा रहा है।
पाठ्यक्रम का स्वरूप
इन कोर्सो का मुख्य उद्देश्य मशरूम उत्पादन की नई-नई तकनीक एवं इससे संबंधित बीजों की अच्छी से अच्छी नस्लों से लोगों को परिचित कराना है।
सरकारी प्रोत्साहन
इन दिनों मशरूम उत्पादन स्वरोजगार के लिहाज से अच्छा माना जा रहा है। यह काम कम पूंजी और छोटे स्थान पर भी किया जा सकता है। सरकार कृषि से संबंधित इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। उसकी योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है।
प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान
नेशनल सेंटर फॉर मशरूम रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग, सोनल
बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, रांची
राजेन्द्र एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, पूसा, समस्तीपुर
हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हिसार
जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना
इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
सीएसए यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी, कानपुर
शरद अग्निहोत्री
स्वरोजगार का बेहतर विकल्प
इधर एक दो दशक से भारत में मशरूम की मांग में इजाफा हो रहा है
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