केन्द्रीय विद्युत तथा नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर के सिंह ने 29 नवंबर 2018 को घोषणा किये की सौभाग्य योजना के अंतर्गत 8 राज्यों ने 100 प्रतिशत घरों में विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल किया हैं. इसके साथ, देश में अब कुल 15 राज्यों में 100 प्रतिशत घरों का विद्युतीकरण हो गया है.
ये आठ राज्य मध्यप्रदेश,त्रिपुरा, बिहार, जम्मू और कश्मीर, मिजोरम, सिक्किम, तेलंगाना तथा पश्चिम बंगाल हैं. सौभाग्य योजना के अंतर्गत अब तक 2.1 करोड़ कनेक्शन जारी किये गये हैं.
विद्युतीकरण से वंचित:
महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विद्युतीकरण से वंचित घर कम संख्या में बचे हैं और उम्मीद है कि सभी घरों का विद्युतीकरण हो जायेगा. विदयुतीकरण की वर्तमान गति के मुताबिक देश के सभी 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का लक्ष्य 31 दिसम्बर 2018 तक पूरा हो जायेगा.
100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण वाले राज्यों में कोई घर वंचित न रह जाए यह सुनिश्चित करने के लिए राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे इस बारे में सभी क्षेत्रों में प्रचार अभियान चलायें ताकि किसी वंचित हुए घर को सौभाग्य योजना के अंतर्गत विद्युत लाभ मिल सके.
24x7 बिजली देने का रिकॉर्ड:
देश में 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण से सभी के लिए 24x7 बिजली देने का रिकॉर्ड कायम होगा. सरकार 31 मार्च 2019 तक सभी के लिए 24x7 बिजली पहुंच सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है.
विद्युतीकरण से होने वाले लाभ: |
घरों के विद्युतीकरण से लोगों के जीवन में नई रोशनी आई है. विद्युतीकरण का दैनिक जीवन के सभी पक्षों विशेषकर महिलाओं और बच्चों की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. विद्युत नेटवर्क के विस्तार से शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी में सुधार होगा और इससे आर्थिक गतिविधियों बढ़ेगीं जिसके परिणाम स्वरूप रोजगार सृजन होगा तथा आय में वृद्धि होगी और गरीबी उपशमन होगा. |
सौभाग्य योजना के तहत पुरस्कार योजना:
विभिन्न बिजली वितरण कंपनियों/ राज्य के विद्युत विभागों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए 300 करोड़ रूपये की पुरस्कार योजना प्रारंभ की गई है. 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण के कार्य को पूरा करने के लिए विद्युत वितरण कंपनियां/ विद्युत विभाग को कर्मचारियों के लिए 50 लाख का पुरस्कार और वितरण संरचना पर खर्च के लिए 100 करोड़ रूपये का अनुदान दिया जाएगा. पुरस्कार के उद्देश्य से राज्य को तीन श्रेणियों में बांटा गया है और इन सभी श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाएंगे.
पुरस्कार तीन श्रेणियों में:
पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाएंगे. यह श्रेणियां हैं:
• डिस्कॉम/विशेष दर्जा वाले राज्यों (7 पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम, जम्मू और कश्मीर तथा उत्तराखंड) के विद्युत विभाग को दिए जाएंगे.
• डिस्कॉम/विशेष दर्जा के अलावा अन्य राज्यों (बिहार,छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) जिनमें विद्युतीकरण से वंचित पांच लाख से अधिक घर है.
• डिस्कॉम/विशेष दर्जा वाले राज्यों के अलावा अन्य राज्य जहां पांच लाख से कम घर विद्युतीकृत नहीं हैं.
31 दिसम्बर 2018 तक 100 प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का काम करने वाले राज्यों को सौभाग्य के अंतर्गत स्वीकृत परियोजना लागत का 15 प्रतिशत (विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 5 प्रतिशत) अतिरिक्त अनुदान मिलेगा.
सौभाग्य योजना क्या है?
केंद्र सरकार ने सितंबर 2017 में ‘प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना’ (सौभाग्य) लांच किया था. इसका उद्देश्य 31 मार्च 2019 तक देश में सम्पूर्ण रूप से घरों के विद्युतीकरण लक्ष्य को हासिल करना था. इस योजना के लांच होने के बाद से राज्य के विद्युत विभागों तथा विद्युत वितरण कम्पनियों के सहयोग से 1.65 करोड़ घरों का विद्युतीकरण हुआ है.
यह योजना केंद्र सरकार की प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) का एक हिस्सा है. सौभाग्य एक ऐसी योजना है जिसमें 16,000 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च आएगा और इसमें से 25 प्रतिशत को इस परियोजना के लिए तैनात किए जाने वाले मानव संसाधन एवं उनके पारिश्रमिक पर खर्च किए जाने का अनुमान है.
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