राजस्थान में तैनात सेना की दक्षिण-पश्चिम कमान द्वारा विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘विजय प्रहार’ का अभ्यास किया जा रहा है. इस सैन्य युद्धाभ्यास कार्यक्रम में सेना के 20 हजार सैनिक भाग ले रहे हैं.
सूरतगढ़ के पास महाजन रेंज में युद्धाभ्यास 'विजय प्रहार' के जरिये दुश्मन के परमाणु हमले से निपटने का अभ्यास किया जा रहा है. इस दौरान वायुसेना के साथ तालमेल बैठाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
युद्धाभ्यास 'विजय प्रहार' के बारे में जानकारी
• युद्धाभ्यास 'विजय प्रहार' में अत्याधुनिक बहुउद्देश्यीय हथियारों का प्रयोग किया जा रहा है.
• युद्धाभ्यास पश्चिमी सीमा पर होने वाले किसी भी आक्रमण से निपटने के लिए किया जा रहा है.
• इसमें वायुसेना और थलसेना के जवान संयुक्त ऑपरेशन में लड़ाकू विमानों, टैंकों व तोपों के साथ खुफिया सूचनाएं, चौकसी व गहन सर्वेक्षण के बीच तालमेल बैठाने का अभ्यास कर रहे हैं.
• इस दौरान वास्तविक युद्ध की परिस्थितियां निर्मित की गई हैं.
• यह अभ्यास नौ मई तक चलेगा. इसके तहत सेना के सामने कठिन एवं मुश्किल चुनौतियां पेश की जायेंगी.
• इसमें परमाणु हमले से निपटने के सैटेलाइट, ड्रोन के उपयोग आदि का अभ्यास भी किया जा रहा है.
• इस दौरान परमाणु युद्ध के हालातों का सामना करने के लिए अपनाई जाने वाली नीतियों को बेहतर बनाया जा रहा है.
• इसके अतिरिक्त कमान के सैनिक फार्मेशन नेटवर्क केंद्रित वातावरण में अत्याधुनिक हथियारों के संवेदनशील उपकरणों के प्रयोग, लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की तैनाती का भी अभ्यास कर रहे हैं.
• युद्धाभ्यास के अंतिम दिन थल सेना अध्यक्ष बिपीन रावत तथा ले़ जनरल चैरिस मेथसन सहित सेना के उच्च अधिकारी मौजूद रहेंगे.
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