ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने 20 अप्रैल 2017 को ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता कानून में कुछ बदलावों की घोषणा की है. इससे विदेशी नागरिकों द्वारा ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता प्राप्त करना पहले की तुलना में मुश्किल होगा. टर्नबुल ने अपने इस निर्णय के संबंध में विभिन्न तर्क दिए जबकि विपक्षी लेबर पार्टी ने इस घोषणा द्वारा प्रधानमंत्री पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
घोषणा के मुख्य बिंदु
• नए नियमों के तहत आवेदक कम से कम चार साल से ऑस्ट्रेलिया का स्थायी निवासी होना चाहिए. आवेदन करने के लिए उसके तीन वर्ष पूरे हो गये होने चाहिए.
• वह ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों को अपनाने को लेकर प्रतिबद्ध होना चाहिए.
• नागरिकता का आवेदन करने वालों को अंग्रेजी भाषा की परीक्षा पास करनी होगी जो ज्यादातर महिलाओं एवं बच्चों के सम्मान पर केंद्रित होगी.
• परीक्षा के प्रश्नों में बाल विवाह, महिला खतना और घरेलू हिंसा जैसे विषय भी शामिल होंगे.
• नागरिकता प्राप्त करने की परीक्षा में आवेदक अधिकतम तीन बार अनुत्तीर्ण रह सकता है. अभी तक इस प्रकार की कोई सीमा नहीं थी.
• इसके अतिरिक्त नागरिकता परीक्षा में नकल या कोई अन्य फर्जीवाड़ा करने वाले व्यक्ति अनुत्तीर्ण कर दिए जाएंगे.
गौरतलब है कि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की थी कि वह देश में बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए 95,000 से अधिक विदेशी कर्मियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले लोकप्रिय 457-वीजा कार्यक्रम को रद्द करेगा. इन विदेशी कर्मियों में बड़ी संख्या में भारतीय लोग शामिल हैं.
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