बोइंग और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने 18 जून 2016 को बोइंग एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर के ढांचे व अंतरिक्ष संबंधित अन्य ढाचों के उत्पादन के लिए एक संयंत्र स्थापित करने का घोषणा किया है.
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आदिबाटला शहर के बाहरी हिस्से में स्थित अंतरिक्ष विशेष आर्थिक क्षेत्र(सेज) में टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) की आधारशीला रखी.
इस संयंत्र में अंतरिक्ष में एकीकृत प्रणाली पर भी काम होगा.
हैदराबाद का यह संयंत्र एएच-64 का ढांचा तैयार करनेवाला विश्व का अकेला संयंत्र होगा.
एच-64 विश्व का सबसे उन्नत बहुउद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेनाओं सहित कई अन्य देशों की सेनाएं इसका इस्तेमाल करती हैं, जिसमें भारत भी शामिल है.
इस संयुक्त उद्यम को रक्षा क्षेत्र का सबसे बड़ा विदेशी निवेश करार दिया है और यह केंद्र सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान को बढ़ावा देनेवाला है. बोइंग और टीएएसएल के बीच पिछले साथ अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र के निर्माण को लेकर साझेदारी स्थापित करने पर सहमति बनी थी, जिसमें मानव रहित विमानों का निर्माण भी शामिल है.
टीएएसएल ने इसके अलावा और कई बड़ी कंपनियों से हाथ मिलाया है, जिसमें रूआग, पिलाटस, लाकहीड मार्टिन, सिकोरस्काई और एयरबस शामिल हैं.
बोइंग इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड:
• बोइंग विश्व की सबसे बड़ी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनी है.
• वाणिज्यिक जेट विमानों और रक्षा, अंतरिक्ष और सुरक्षा प्रणालियों का निर्माण करती है.
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड:
• टीएएसएल टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है.
• टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड का मुख्यालय हैदराबाद में है.
• इसे बोइंग के सीएच-47 चिनूक और एएच-6आई हेलीकॉप्टर के ढांचे के निर्माण का ठेका मिला है.
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