केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मौसम विज्ञान संबंधी योजनाओं को मंजूरी प्रदान की

Nov 25, 2018, 09:02 IST

‘एटमॉस्‍फेयर एंड क्‍लाइमेट रिसर्च– मॉडलिंग ओब्सर्विंग सिस्‍टम्‍स एंड सर्विसेज़’ की नौ उप-योजनाओं को केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है.

Cabinet approves continuation of scheme to improve weather forecast
Cabinet approves continuation of scheme to improve weather forecast

प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा समग्र योजना ‘एटमॉस्‍फेयर एंड क्‍लाइमेट रिसर्च– मॉडलिंग ओब्सर्विंग सिस्‍टम्‍स एंड सर्विसेज़’ (ACROSS) की नौ उप-योजनाओं को 1450 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से वर्ष 2017 से 2020 तक की अवधि के दौरान जारी रखने हेतु अपनी मंज़ूरी दे दी गई है.

इन योजनाओं का कार्यान्‍वयन पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अपनी प्रमुख संस्थाओं यथा, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), भारतीय उष्‍णकटिबंध मौसम विज्ञान संस्‍थान (IITM), नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फॉरकास्टिंग (NCMRWF) और भारतीय राष्‍ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) के माध्‍यम से किया जाएगा.

योजना के मुख्य बिंदु

  • एक्रॉस (ACROSS) योजना पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय से संबंधित है जो चक्रवात, तूफान, लहर, तेज़ गर्मी और गरज के साथ बारिश जैसे विभिन्‍न पहलुओं से निपटती है.
  • एक्रॉस (ACROSS) योजना 9 उप-कार्यक्रमों से मिलकर बनी है जो बहु-विषयक और बहु-संस्‍थानीय स्‍वरूप की हैं. इस योजना का उद्देश्‍य समाज की बेहतरी के लिये एक विश्वसनीय मौसम और जलवायु पूर्वानुमान प्रदान करना है.
  • इस योजना का उद्देश्‍य कृषि-मौसमविज्ञान संबंधी सेवाएँ, विमानन सेवाएँ, पर्यावरण संबंधी निगरानी सेवाएँ, जल-मौसमविज्ञान संबंधी सेवाएँ, जलवायु सेवाएँ, पर्यटन, तीर्थयात्रा, पर्वतारोहण जैसी सभी सेवाओं को अंतिम उपयोगकर्ता तक समय पर पहुँचाने के कार्य को सुनिश्चित करने के लिये सतत् अवलोकनों, गहन अनुसंधान विकास और प्रभावी विस्‍तार तथा संचार रणनीतियों को प्रभावी रूप से अपनाकर मौसम और जलवायु पूर्वानुमान की कुशलता में सुधार लाना है.
  • मौसम आधारित सेवाओं को आम लोगों तक पहुँचाने हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का कृषि विज्ञान केंद्र, विश्‍वविद्यालय और स्‍थानीय नगर पालिकाओं जैसी एजेंसियों के इसमें शामिल होने से एवं बड़ी संख्‍या में वैज्ञानिक तथा तकनीकी कर्मियों के साथ-साथ आवश्‍यक प्रशासनिक सहायता की ज़रूरत के कारण इस योजना द्वारा बेहतर रोज़गार का सृजन होगा.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय

  • राष्‍ट्रपति की अधिसूचना के माध्‍यम से 12 जुलाई, 2006 को नए पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) की स्‍थापना की गई जिसमें भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), भारतीय उष्‍णदेशीय मौसम विज्ञान संस्‍थान (IITM) और राष्‍ट्रीय मध्‍यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCRWFM) को इसके प्रशासनिक नियंत्रण में लाया गया.
  • सरकार ने अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा आयोग के तर्ज पर पृथ्‍वी आयोग की स्‍थापना को भी अनुमोदन प्रदान कर दिया है.
  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पास मौसम, जलवायु और प्राकृतिक खतरे से संबंधित घटनाओं का पूर्वानुमान करने के लिये क्षमता का विकास एवं सुधार करने हेतु अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आयोजित करने का अधिकार है.


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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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