Capt Amarinder Singh resigns: कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने पंजाब के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. 18 सितंबर को सीएलपी बैठक से पहले उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना और अपने मंत्रिमंडल का इस्तीफा 18 सितंबर 2021 को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को सौंप दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है.
फिलहाल राज्यपाल ने कैप्टन और उनके मंत्रिमंडल को वैकल्पिक व्यवस्था होने तक नियमित कामकाज चलाने को कहा है. अगला मुख्यमंत्री बनने तक कैप्टन अमरिंदर सिंह कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहेंगे. उधर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पारित कर पार्टी विधायक दल का नया नेता व अगला मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिया.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने क्या कहा?
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा देने के बाद राजभवन के बाहर कहा कि उन्होंने सुबह ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने इस्तीफे की जानकारी दे दी थी. मेरा अपमान किया गया. सरकार चलाने को लेकर संदेह किया गया. मैं अपने समर्थकों के साथ बैठक कर भविष्य की रणनीति तय करुंगा. दूसरी ओर, कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधू और मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह: एक नजर में
सेना की सिख रेजिमेंट में साल 1963 में बतौर कैप्टन जॉइन करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 1965 में पाकिस्तान के साथ हुई जंग के बाद सेना छोड़ दी. कैप्टन अमरिंदर सिंह और राजीव गांधी मशहूर सनावर स्कूल में साथ पढ़े थे और उसी समय से दोस्त थे.
साल 1980 में राजीव गांधी के कहने पर ही कैप्टन ने पहली बार चुनाव लड़ा और लोकसभा सांसद बने. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1984 में गोल्डन टैंपल पर हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार से आहत होकर कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ दी थी.
पंजाब में साल 2002 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ा और 117 विधानसभा सीटों में से 62 पर जीत दर्ज की. उस समय कैप्टन की लोकप्रियता चरम पर थी और बतौर CM उनके 2002 से साल 2007 के कार्यकाल को लोग आज भी याद करते हैं.
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