केंद्र सरकार ने हाल ही में अंतर-राज्यीय परिषद का पुनर्गठन किया है. बता दें देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने और सहयोग करने हेतु काम करने वाली अंतरराज्यीय परिषद का पुनर्गठन किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की मंजूरी के बाद अंतर-राज्यीय परिषद सचिवालय की 09 अगस्त, 2019 की अधिसूचना के अनुसार यह कदम उठाया.
बता दें गृह मंत्रालय ने अंतर-राज्यीय परिषद की स्थायी समिति का पुनर्गठन किया है. 13 सदस्य इस समिति में होंगे. इस परिषद के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्ष होंगे. इसके अतिरिक्त, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री एवं छह केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सदस्य होंगे. प्रधानमंत्री अंतर-राज्यीय परिषद के अध्यक्ष हैं जबकि विधानसभा वाले सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों तथा बिना विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को परिषद का सदस्य बनाया गया है.
समिति का सदस्य: एक नजर में
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार तथा जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को समिति का सदस्य बनाया गया है. इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, असम, बिहार, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी समिति के सदस्य होंगे. बता दें स्थायी समिति को परिषद से संबंधित मामलों पर लगातार विचार-विमर्श करना होता है.
अंतर-राज्यीय परिषद क्या है?
बता दें अंतर-राज्यीय परिषद का काम देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने तथा सहयोग करने हेतु एक मजबूत संस्थागत ढांचा तैयार करना, इसकी नियमित बैठकों का आयोजन करके परिषद एवं क्षेत्रीय परिषदों को सक्रिय करना है. यह क्षेत्रीय परिषदों एवं अंतरराज्यीय परिषद द्वारा केंद्र-राज्य तथा अंतर-राज्य संबंधों के सभी लंबित और उभरते मुद्दों पर विचार करने की सुविधा प्रदान करती है.
केंद्र सरकार ने शक्तियों के वितरण के क्षेत्रों में केंद्र एवं राज्यों के बीच विवादास्पद विषयों की जाँच करने हेतु समय-समय पर कदम उठाए हैं. अंतरराज्यीय परिषद को राज्यों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों की जाँच करने एवं सलाह देने, कुछ या सभी राज्यों, या केंद्र एवं एक या अधिक राज्यों के समान हित वाले विषयों की पड़ताल तथा विमर्श करने का अधिकार है. परिषद का काम देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने तथा सहयोग करने हेतु एक मजबूत संस्थागत ढांचा तैयार करना, इसकी नियमित बैठकों का आयोजन करके परिषद एवं क्षेत्रीय परिषदों को सक्रिय करना है.
अंतरराज्यीय परिषद की स्थायी समिति क्या है?
अंतरराज्यीय परिषद की स्थायी समिति के पास परिषद के विचार हेतु निरंतर परामर्श एवं प्रक्रिया के मामले होंगे. बता दें केंद्र-राज्य संबंधों से संबंधित सभी विषयों पर अंतरराज्यीय परिषद में विचार करने से पहले स्थायी समिति में चर्चा की जाएगी.
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