भारत सरकार ने PPF सहित छोटी बचत योजनाओं में बदलाव किए

अल्प बचत अधिनयम में किये गये संशोधन का एक अन्य‍ उद्देश्य निवेशकों के लिए कुछ विशेष लचीलापन सुनिश्चित करना है. इन संशोधनों द्वारा बच्चों में बचत की संस्कृति को भी बढ़ावा दिया जायेगा.

Feb 19, 2018, 13:09 IST
Government of India makes Amendments in Small Savings Act
Government of India makes Amendments in Small Savings Act

केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2018 को अल्प बचत अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किये जिससे अल्पावधि के लिए की जाने वाली बचत पर लागू किया जायेगा. प्रस्तावित सरकारी बचत संवर्धन अधिनियम के अंतर्गत पीपीएफ अधिनियम को लाते समय सभी मौजूदा सुरक्षा को बरकरार रखा गया है.

संशोधन के उद्देश्य

इस प्रक्रिया द्वारा जमाकर्ताओं को मिलने वाले किसी भी मौजूदा लाभ को वापस लेने का कोई प्रस्ता्व नहीं है. केवल एक ही अधिनियम को प्रस्तावित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य जमाकर्ताओं के लिए इसके क्रियान्वयन को सुगम बनाना है क्योंकि उन्हें विभिन्न अल्प बचत योजनाओं के प्रावधानों को समझने के लिए विभिन्न नियमों और अधिनियमों को पढ़ने या समझने की कोई जरूरत नहीं है. इसका एक अन्य‍ उद्देश्य निवेशकों के लिए कुछ विशेष लचीलापन सुनिश्चित करना है.

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विधेयक के तहत प्रस्तावित लाभ

•    पीपीएफ अधिनियम के अनुसार पांच वित्त वर्ष पूरे होने से पहले पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद नहीं किया जा सकता है. हालांकि, सभी योजनाओं के संदर्भ में खाते को समय से पहले बंद करने के प्रावधान को आसान बनाने के लिए अब विशिष्ट योजना अधिसूचना के जरिए प्रावधान बनाए जा सकते हैं.

•    अल्प बचत योजनाओं को समय से पहले बंद करने का लाभ अब आपातकालीन चिकित्सा, उच्च शिक्षा की जरूरतों इत्यादि की स्थिति में मिल सकता है.

•    अब प्रस्तावित विधेयक के प्रावधानों के तहत अवयस्क या नाबालिग की ओर से अभिभावक द्वारा अल्प बचत योजनाओं में निवेश किया जा सकता है. यही नहीं, अभिभावक को संबंधित अधिकार एवं दायित्व भी दिए जा सकते हैं.

•    इससे पहले मौजूदा अधिनियमों में अवयस्क द्वारा धनराशि जमा करने के बारे में कोई भी स्पष्ट प्रावधान नहीं था. अब इस आशय का प्रावधान कर दिया गया है, ताकि बच्चों के बीच बचत की संस्कृ‍ति को बढ़ावा दिया जा सके.

•    अधिनियमों के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार यदि किसी जमाकर्ता की मृत्यु हो जाती है और नामांकन बरकरार रहता है तो वैसी स्थिति में शेष धनराशि नामित व्यक्ति को दे दी जाएगी. हालांकि, माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि नामित व्यक्ति को केवल कानूनी वारिस के लाभ के लिए ट्रस्टी के रूप में राशि एकत्र करने का अधिकार है.

•    इस वजह से अधिनियमों के प्रावधानों और उच्चतम न्यायालय के फैसले के बीच विवाद उत्पन्न हो रहे थे. अब नामित व्यक्ति के अधिकार को और भी ज्यादा स्पष्ट ढंग से परिभाषित कर दिया गया है.

•    अवयस्क के नाम पर खोले जाने वाले खाते के संबंध में नामांकन के प्रावधानों को शामिल किया गया है. इसके अलावा, यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि अवयस्क की मृत्यु हो जाती है और कोई भी नामित व्यक्ति नहीं होता है तो वैसी स्थिति में शेष धनराशि अभिभावक को दे दी जाएगी.

टिप्पणी

संशोधित अधिनियम में जिन प्रावधानों को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है उससे अल्प बचत योजनाओं के तहत खाता परिचालन में लचीलापन और भी ज्यादा बढ़ जाएगा. बैंक जमाओं की तुलना में ऊंची ब्याज दरों की पेशकश करने वाली कुछ अल्प‍ बचत योजनाओं पर आयकर लाभ भी मिलता है. इस संशोधन के जरिए अल्प बचत योजना पर देय ब्याज दर अथवा टैक्स नीति में कोई भी बदलाव नहीं किया जा रहा है.

(स्रोत: पीआईबी)

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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