H3N2 Influenza Virus: भारत में H3N2 वायरस का प्रकोप हुआ तेज, इन लक्षणों पर रखें नजर, ऐसे करें बचाव
भारत में H3N2 वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के बढ़ते मामलों की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की. राज्यों को अलर्ट पर रहने और स्थिति की बारीकी से निगरानी करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है.

भारत में H3N2 वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. भारत सरकार ने इसके सम्बन्ध में बताया कि अभी तक इस वायरस से दो मौतों हो चुकी है जिसमें से एक हरियाणा में और दूसरी मौत कर्नाटक में हुई.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के बढ़ते मामलों की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की. राज्यों को अलर्ट पर रहने और स्थिति की निगरानी करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है.
H3N2 इन्फ्यूएंजा का संक्रमण देश में पहले भी फ़ैल चुका है. इस बार भी यह वायरस देश की कई भागों में फ़ैल चुका है. दिल्ली एनसीआर में भी इसका प्रकोप देखा जा रहा है. देश में H3N2 के 90 मामले और H1N1 वायरस के आठ मामले पाए गए हैं.
#Influenza pic.twitter.com/UfVqT7XzSK
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) March 15, 2023
वायरस के पैटर्न में दिखा बदलाव:
स्वास्थ्य मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार, H3N2 वायरस के पैटर्न में अप्रत्याशित रूप से बदलाव देखे जा रहे है. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार डॉ धीरेन गुप्ता के अनुसार, पिछले 6 महीनों में इस वायरस के पैटर्न में अप्रत्याशित बदलाव देखा गया है.
एम्स के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह वायरस हर साल इस समय के दौरान उत्परिवर्तित होता है और ड्रापलेट्स से फैलता है.
H3N2 इन्फ्यूएंजा वायरस:
इन्फ्लुएंजा A वायरस सबटाइप H3N2 (A/H3N2) वायरस का एक सबटाइप है, जिससे इन्फ्लूएंजा (फ्लू) का संक्रमण फैलता है. H3N2 वायरस पक्षियों और स्तनधारियों को संक्रमित कर सकता है. इसके अतिरिक्त इसके कई स्ट्रेन मनुष्यों और सूअरों में भी देखे गए है. WHO के मुताबिक, यह मानव में इन्फ्लूएंजा का अहम कारण है.
कमजोर इम्युनिटी वाले दे विशेष ध्यान:
डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, उन्हें यह H3N2 वायरस जल्दी प्रभावित कर सकता है. ऐसे लोगों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसे लोगों को गंभीर रोगों से ग्रषित होने का भी खतरा बढ़ जाता है.
क्या है इसके लक्षण?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, H3N2 वायरस के लक्षणों में हल्की सर्दी, बुखार, निमोनिया, एक्यूट रेस्पीरेटरी डिसट्रेस सिंड्रोम शामिल है. यहाँ तक की इन लक्षणों में गंभीर होने पर संक्रमित व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. साथ ही इस बार इन्फ्लुएंजा A वायरस सबटाइप H3N2 ने श्वसन मार्ग के बहुत सारे संक्रमणों को जन्म दिया है.
इसके लक्षणों में मुख्य रूप से गले में दर्द और खराश, शरीर और मांसपेशियों में दर्द, दस्त, नाक बहना, छींक आना, कंपकपी, खांसी और बुखार आदि लक्षण शामिल है.
H3N2 वायरस कैसे फैलता है?
H3N2 वायरस अत्यधिक संक्रामक वायरस है, जो एक दूसरे के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है. यह संक्रमित व्यक्ति के मुंह या नाक से निकलने वाले ड्रापलेट्स के माध्यम से फैलता है. साथ ही संक्रमित स्थान और सतह को छूने के बाद उसी हाथ से अपने मुंह या नाक को छूने से यह आपको संक्रमित कर सकता है. इसका प्रभाव बच्चों और बुजुर्गो में तेजी से हो सकता है.
कैसे करें बचाव?
रोग के नियंत्रण और रोकथाम के लिए सेंटर (CDC) के अनुसार, पिग एरिया में भोजन या पेय पदार्थ लेने से बचे. सूअरों के संपर्क में आने से पहले और बाद में अपने हाथों को अक्सर साबुन और बहते पानी से धोएं. यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो अल्कोहल-आधारित हैंड रब का उपयोग करें.
अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें जिससे संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है. साथ ही साथ विटामिन C से भरपूर चीजें खाएं. साथ ही नमक के पानी से गरारे करने से श्वसन संक्रमण को भी रोका जा सकता है. बुखार आने पर आराम करें और डॉक्टर से संपर्क करें.
Held a meeting to review rising cases of #H3N2 Influenza virus in the country.
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) March 10, 2023
Advisory issued to States to be on the alert and closely monitor the situation.
Government of India is working with States & extending support for public health measures to address the situation. pic.twitter.com/hXWWdC4wCy
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के लिए है, स्वास्थ्य से जुड़े किसी दवा या इलाज के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
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