केंद्र सरकार ने 19 जून 2017 को मध्य प्रदेश के 64 छोटे शहरों में शहरी सेवाओं के उन्नयन हेतु एशियाई विकास बैंक से 275 मिलियन डॉलर के ऋण पत्र पर हस्ताक्षर किए.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग में बहुपक्षीय संस्थानों के संयुक्त सचिव राजकुमार तथा एशियाई विकास बैंक की ओर से भारतीय मिशन के उप-निदेशक एल. बी. सोंजाजा ऋण पत्र पर हस्ताक्षर किए.
इस धनराशि का उपयोग मध्य प्रदेश के शहरी सेवा सुधार परियोजना में किया जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार की ओर से शहरी विकास और आवास विभाग के सचिव विवेक अग्रवाल ने परियोजना समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए.
मुख्य तथ्य:
• एडीबी के निरंतर सहयोग से राज्य के शहरी विकास की गुणवत्ता, कार्यकुशलता और सतत विकास में बढ़ावा मिलेगा और इससे शहरी सेवाओं की उपलब्धता और संस्थागत क्षमता में वृद्धि के साथ-साथ पेयजल प्रबंधन में भी सुधार होगा.
• इस परियोजना का मुख्य तत्व डिजाइन-निर्माण-संचालन है. इसमें 10 वर्षों के लिए संचालन और रख-रखाव शामिल है. इससे पेयजल सेवा के संचालन में निरंतरता और वित्तीय स्थिरता आएगी.
• यह परियोजना राज्य के 64 छोटे और मध्यम शहरों में पेयजल आपूर्ति को समावेशी और निरंतरता प्रदान करेगी तथा जलवायु की विषमता से सामना करने में सहायता करेगी.
• खजुराहो और राजनगर जैसे विरासत वाले शहरों में स्टॉर्म वॉटर तथा सीवेज अवसंरचना का विकास किया जाएगा.
• यह परियोजना राज्य सरकार की शहरी अवसंरचना के विकास की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है. एडीबी द्वारा पहले दिये गए ऋण से 4 बड़े शहरों के 50 लाख निवासियों तक सुरक्षित पेयजल आपूर्ति करने में सहायता मिली थी.
• एडीबी द्वारा दिये गये ऋण के अतिरिक्ता मध्य प्रदेश सरकार ने 124 मिलियन डॉलर की धनराशि इस योजना के लिए आवंटित की है. यह परियोजना पांच वर्षों तक चलेगी और जून 2022 तक इसके पूरे होने की उम्मीद है.
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