भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे इस्पात उत्पादक देश बन गया है. उसने कच्चे इस्पात उत्पादन के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है. विश्व इस्पात संघ (डब्ल्यूएसए) की रिपोर्ट में यह बात कही गई.
इस्पात उत्पादक से संबंधित मुख्य तथ्य:
• चालू साल के पहले दो माह में भारत का इस्पात उत्पादन 1.45 करोड़ टन रहा है. भारत पिछले पांच साल से इस्पात उत्पादन में चीन, जापान और अमेरिका के बाद चौथे स्थान पर चल रहा था.
• विश्व इस्पात संघ (डब्ल्यूएसए) के आंकड़ों के अनुसार जनवरी-फरवरी में भारत की इस्पात उत्पादन की वृद्धि दर सबसे अधिक यानी 7.6 प्रतिशत रही. इस दौरान वैश्विक वृद्धि सिर्फ 0.6 प्रतिशत रही. वैश्विक उत्पादन 12.76 करोड़ टन रहा.
• चीन 2017 में 83.17 करोड़ टन इस्पात उत्पादन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश बना हुआ है. इसके पिछले साल उसका इस्पात उत्पादन 78.69 करोड़ टन था. इस दौरान 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
• जापान विश्व का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश है. हालांकि उसका इस्पात उत्पादन 2016 के 10.48 करोड़ टन से गिरकर 2017 में 10.47 करोड़ टन रह गया है. जापान के इस्पात उत्पादन में 0.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
• अमेरिका वर्ष 2010 से लगातार इस्पात उत्पादन में तीसरे स्थान पर बना हुआ था. जनवरी-फरवरी में अमेरिका का इस्पात उत्पादन 1.35 करोड़ टन रहा.
पृष्ठभूमि:
भारत सरकार विभिन्नम नीतिगत उपायों से इस्पात उद्योग की क्षमता बढाने का प्रयास कर रही है. कच्चे माल के प्रतिभूतिकरण की आवश्यकता, प्रभावी और कम लागत की प्रचालन व्यवस्था तथा इस्पात के निर्माण में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी लागू करने पर भी जोर दिया जा रहा है. भारत अब इस्पात उत्पादक के मामले में दूसरे स्थान के लिए जापान को कड़ी टक्कर दे रहा है.
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