S-400 Air Defence Missile System: रूस ने भारत को सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणाली (S-400 Air Defence Missile System) की आपूर्ति शुरू कर दी है. इस मिसाइल सिस्टम से भारत की सुरक्षा प्रणाली अभेद्य हो जाएगी. यह सप्लाई योजना के अनुसार हो रही है. दुबई एयरशो से पहले फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री टेक्निकल कोऑपरेशन (FSMTC) के डायरेक्टर दिमित्री शुगेव ने स्पुतनिक को यह जानकारी दी.
भारतीय रक्षा सूत्रों के अनुसार, S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के हिस्से भारत पहुंचना शुरू हो गए हैं. इन्हें सबसे पहले पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा के पास तैनात किया जाएगा, जहां से यह वेस्टर्न और उत्तरी सीमाओं से पाकिस्तान और चीन के खतरे से निपट सके. यह सिस्टम 400 किलोमीटर तक के खतरे से भारत को सुरक्षा प्रदान करेगी.
एस-400 मिसाइल प्रणाली की कुछ खास बातें
• यह मिसाइल सिस्टम चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है. एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल एक साथ 36 लक्ष्यों पर निशाना लगा सकता है.
• एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल दुश्मन के युद्धक जहाज, ड्रोन, विमानों और बैलिस्टिक मिसाइलों को 400 किमी की दूरी पर मार सकता है.
• स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार यह मिसाइल दुनिया में मौजूद सभी बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है.
• एस-400 का एडवांस रडार 400 किलोमीटर की दूरी तक अपने टारेगेट को देखने और ट्रैक कर उसे तबाह करने में समक्ष है.
• ये बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic missiles) और हाइपरसोनिक टारगेट (Hypersonic targets) को भी मार गिराने में सक्षम हैं.
• यह सुपसोनिक एयर डिफेंस सिस्टम में सुपरसोनिक एवं हाइपर सोनिक मिसाइलें होती हैं जो लक्ष्य को भेदने में माहिर होती हैं. इस मिसाइल की गिनती दुनिया के आधुनिकतम एंटी एयरक्राफ्ट हथियारों में होती है.
• एस-400 को रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली के रूप में जाना जाता है.
पृष्ठभूमि
भारत ने अक्टूबर 2018 में एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को खरीदने के लिए रूस से लगभग 35,000 करोड़ रुपए का सौदे का समझौता किया था. रूस इस सौदे में हवाई खतरों से निपटने के लिए भारत को 5 स्क्वाड्रन की आपूर्ति कर रहा है. एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम पहले ही हमारे प्रतिद्धंदी चीन और तुर्की के पास हैं.
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