तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जुलाई 2018 को रवांडा पहुंच गए. किगाली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री के विमान के उतरते ही रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.
गौरतलब है कि यह पहला अवसर है जब भारत के किसी प्रधानमंत्री ने रंवाडा का दौरा किया है. मोदी इस पूर्वी अफ्रीकी देश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गये हैं. यहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मेरा सौभाग्य है कि मेरे मित्र राष्ट्रपति कागमे के निमंत्रण पर रंवाडा आने का मुझे सौभाग्य मिला है.”
प्रधानमंत्री मोदी ने रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे के साथ विस्तृत बातचीत की और व्यापार एवं कृषि के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की.
भारत और रवांडा के मध्य समझौते
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा को 20 करोड़ डॉलर के कर्ज दिए जाने की पेशकश रखी.
• रवांडा के राष्ट्रपति कागमे के साथ बातचीत के बाद मोदी ने घोषणा की कि भारत जल्द रवांडा में अपना दूतावास खोलेगा.
• दोनों देशों ने चमड़ा एवं इससे संबद्ध क्षेत्रों और कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर किये.
• भारत ने कई औद्योगिक पार्क के विकास एवं रवांडा में किगाली विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिये 10 करोड़ डॉलर और कृषि के लिये 10 करोड़ डॉलर का कर्ज देने की पेशकश की.
संयुक्त वक्तव्य |
राष्ट्रपति कागमे के साथ बातचीत के बाद मोदी ने घोषणा की कि भारत जल्द रवांडा में अपना दूतावास खोलेगा. रवांडा में मीडिया को दिये गये संयुक्त बयान में मोदी ने कहा, "हम लोग रवांडा में एक उच्चायोग खोलने जा रहे हैं. इससे दोनों देशों की संबंधित सरकारों के बीच ना सिर्फ संवाद स्थापित होगा बल्कि वाणिज्य संबंधी, पासपोर्ट, वीजा के लिये सुविधाएं भी सुनिश्चित होंगी." उन्होंने कहा कि भारत और रवांडा के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं. |
रवांडा को 200 गाय दिए जाने का कारण
प्रधानमंत्री वहां ‘जिनोसाइड मेमोरियल’ का दौरा करेंगे और कागमे द्वारा शुरू की गयी रवांडा की एक राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा योजना ‘गिरिंका’ पर आयोजित कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे. गिरिंका का अर्थ है - प्रति परिवार एक गाय. गिरिंका के तहत वहां की सरकार स्थानीय निवासियों को गाय उपहार में देती है ताकि वह परिवार सामर्थ्यवान बने. जिस घर को सरकार की तरफ से गाय उपहार में दी जाती है, उस गाय के बछड़े या बछिया को वह परिवार अपने पड़ोसी को भेंट करता है. ताकि उस परिवार का भी लालन-पालन हो सके और वह भी समृद्ध बन सके.
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