केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बड़े कदम के तहत बुधवार, 08 नवंबर, 2021 को 44,605 करोड़ केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना को मंजूरी दी है, जिससे 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही 62 लाख से अधिक लोगों को पीने का पानी मिलेगा.
केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
- जल शक्ति मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के बयान के मुताबिक, यह परियोजना, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ 08 वर्षों में कार्यान्वित करने का प्रस्ताव है, कृषि गतिविधियों और रोजगार सृजन में वृद्धि के कारण, यह योजना पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देगी और इस क्षेत्र से संकट प्रवास को रोकने में मदद करेगी.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक ने इस परियोजना के लिए 39,317 करोड़ रुपये के केंद्रीय समर्थन को भी मंजूरी दी है, जिसमें 36,290 करोड़ रुपये का अनुदान और 3,027 करोड़ रुपये का ऋण शामिल है. एक अधिकारी ने यह कहा कि, "यह परियोजना भारत में विभिन्न नदी परियोजनाओं को आपस में और अधिक जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगी और दुनिया के सामने हमारी क्षमता और दूरदर्शिता को भी प्रदर्शित करेगी."
- इस परियोजना में केन से बेतवा नदी में दौधन बांध के निर्माण के साथ ही, दो नदियों को जोड़ने वाली नहर, लोअर ऑर प्रोजेक्ट, कोठा बैराज-और बीना कॉम्प्लेक्स बहुउद्देशीय परियोजना के माध्यम से पानी का स्थानांतरण शामिल है. यह परियोजना 62 लाख हेक्टेयर की वार्षिक सिंचाई करने के साथ ही लगभग 62 लाख की आबादी को पेयजल आपूर्ति प्रदान करेगी. इसके साथ ही, यह योजना 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी उत्पन्न करेगी.
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- यह परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्यों में स्थित पानी की कमी वाले बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए अत्यधिक लाभकारी होगी. इस परियोजना से मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी, रायसेन और उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को भी भारी लाभ मिलेगा.
- इस प्रमुख केंद्र संचालित नदी जोड़ने की परियोजना को लागू करने के ऐतिहासिक समझौते पर मार्च, 2021 में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे. यह समझौता नदियों को आपस में जोड़कर सूखाग्रस्त और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में, पानी की अधिकता वाले क्षेत्रों से पानी ले जाने के लिए अंतर-राज्यीय सहयोग की शुरुआत करता है.
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