मुंबई में 26 जुलाई 2016 को आठ हम्बोल्ट पेंग्विनों को भायखला चिड़ियाघर में लाये गये. चिड़ियाघर में पर्यटकों के आकर्षण के लिए 2014 में इन पेंग्विनों को लाने का निर्णय लिया गया था.
इस निर्णय का सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया गया था क्योंकि मुंबई की जलवायु पेंग्विन के लिए उपयुक्त नहीं है तथा उन्हें यहां रखना उन पर अत्याचार करना है.
हम्बोल्ट पेंग्विन के लायक बनाने के सारे प्रबंध किए गए हैं. उन्हें 200 स्क्वायर फ़ीट के एरिया में रखा गया है. तापमान को पेंग्विन के अनुकूल बनाए रखने के लिए एयर कंडीशन का प्रबंध किया गया है.
यह पेंगविन नवंबर 2016 से पर्यटकों को देखने के लिए उपलब्ध होंगे.
थाईलैंड से लाई गई इन पेंग्विन को लगभग 2.50 करोड़ में ख़रीदा गया और इनकी देखरेख के लिए 19 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है.
हम्बोल्ट पेंगुइन
• यह एक दक्षिण अमेरिकी पेंगुइन है जो असल में चिली एवं पेरू के निवासी हैं.
• पेंगुइन का नाम ठंडे पानी में रहने के कारण रखा गया है, इस पेंगुइन का नाम इसके खोजकर्ता एलेग्जेंडर वोन हम्बोल्ट के नाम पर रखा गया.
• इस प्रजाति को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ द्वारा संकटग्रस्त घोषित किया है.
• यह मध्यम आकार के पेंगुइन होते हैं.
• इनका सिर काला तथा सफेद बॉर्डर होता जो आँख के पीछे से गुजरते हुए कानों तक जाता है तथा गर्दन को भी कवर करता है.
• इसके शरीर का ऊपरी भाग काला-ग्रे होता है जबकि निचला हिस्सा सफेद होता है.
• इनकी जीभ में भी रीढ़ की हड्डी होती है जिसका प्रयोग यह शिकार पकड़े रखने के लिए करते हैं.
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