भारत के पश्चिमी तट पर गुरुवार को UK कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के आगमन के साथ, भारत-UK उच्च प्रोफ़ाइल क्रियाकलापों के अगले चरण के लिए आपसी संबंधों को प्रोत्साहन मिलेगा.
HMS क्वीन एलिजाबेथ के नेतृत्व में स्ट्राइक ग्रुप इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक "गैर-उत्तेजक" अभ्यास कर रहा है, जिसे शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से सबसे बड़ी ब्रिटिश नौसैनिक तैनाती के रूप देखा जा रहा है. इस कार्यक्रम का यह चरण, जो बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा है, ग्लासगो में जलवायु कार्रवाई के लिए COP26 शिखर सम्मेलन तक जारी रहेगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाग लेने की उम्मीद है.
UK कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने फिलीपीन सागर के माध्यम से बंगाल की खाड़ी तक यात्रा की है और इस प्रक्रिया के दौरान इस ग्रुप ने संवेदनशील दक्षिण चीन सागर के माध्यम से अपनी यात्रा की है जोकि रणनीतिक रूप से चीन के दावों के कारण अंतर्राष्ट्रीय विवाद के बीच स्थित जल निकाय है.
कोंकण शक्ति अभ्यास: एक शानदार कार्यक्रम
आज, बृहस्पतिवार को UK भारत की नौसेना के साथ "कोंकण शक्ति" नामक एक द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लेगा. यह पता चला है कि, इस अभ्यास में शनिवार को एक "शानदार कार्यक्रम" का आयोजन किया जाएगा जिसमें UK के विदेश सचिव लिज़ ट्रस भाग लेंगे. तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को उनके भारत पहुंचने की उम्मीद है.
यह अभ्यास ब्रिटेन द्वारा हाल के वर्षों में अमेरिका और जापान जैसे कई देशों के साथ किए गए समुद्री अभ्यासों के निरंतर अभ्यास का एक हिस्सा है.
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सुश्री ट्रस ने कोविशील्ड वैक्सीन को UK की गैर-मान्यता की समस्या को हल करने के लिए महासभा के दौरान न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी.
इसके बाद, UK ने ऐसे भारतीय यात्रियों के लिए संगरोध/ क्वारेंटाइन की आवश्यकताओं को हटा दिया, जिन्हें कोविशील्ड या किसी अन्य UK - मान्यता प्राप्त टीका लगाया गया है. सुश्री ट्रस की यात्रा बड़े पैमाने पर मानव विस्थापन और तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के अधिग्रहण के बाद, आतंकवाद के बढ़ते जोखिम को देखते हुए दक्षिण एशिया में एक महत्वपूर्ण चरण के अनुकूल है.
COP26 शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान, इंडो-पैसिफिक और जलवायु कार्रवाई उच्च-स्तरीय भागीदारी का ध्यान आकर्षित करेगी. लेकिन विदेश सचिव की यात्रा का मुख्य कारण एक "अंतरिम फसल समझौते" को अंतिम रूप देने पर ध्यान देने के साथ ही द्विपक्षीय व्यापार पर बातचीत हो सकती है.
भारत और UK के बीच बढ़ेगी व्यापार साझेदारी
बोरिस जॉनसन सरकार के तहत, UK ने ब्रेक्सिट के बाद की योजना के रूप में भारत के साथ व्यापार साझेदारी को बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है और आगामी यात्रा में ब्रिटेन द्वारा अपनी आर्थिक कूटनीति को उजागर करने की संभावना है. भारत और ब्रिटेन ने इस बात का संकेत दिया है कि, वे नवंबर से व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू करना चाहते हैं.
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यह COP26 शिखर सम्मेलन इन दोनों पक्षों को जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए हाथ मिलाने का अवसर प्रदान करेगा. COP26 के निर्वाचित अध्यक्ष, ब्रिटिश सांसद आलोक शर्मा ने पिछले महीने यहां प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और भारत को इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. इस शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों पक्षों द्वारा दुनिया के सामने एक साझे दृष्टिकोण की घोषणा करने की संभावना है.
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