मध्यप्रदेश सरकार ने 7 अप्रैल 2017 को 'दीनदयाल रसोई योजना' की शुरुआत की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में योजना का लोकार्पण किया. दीनदयाल रसोई योजना के तहत गरीबों को मात्र 5 रुपये में भर पेट भोजन (थाली) दिया जाएगा. थाली में चार रोटी, एक सब्जी और दाल शामिल होगी.
रसोई योजना योजना प्रदेश के 51 जिलों में से 49 जिला मुख्यालयों पर 7 अप्रैल 2017 को शाम को छह से सात बजे के मध्य आरम्भ की गयी. इससे पूर्व तमिलनाडु में वहां की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा आम लोगों हेतु 'अम्मा कैंटीन' चलाई गई थी.
प्रदेश सरकार के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक के मुख्यालय में कम से कम एक स्थान पर दीनदयाल रसोई शुरू की जाएगी. दो जिलों भिंड और उमरिया में विधानसभा उपचुनाव की वजह से इस योजना की शुरुआत बाद में की जाएगी.
योजना का नाम-
- योजना का नाम भाजपा विचारक दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया है.
- आवश्यकता होने पर बड़े शहरों में एक से ज्यादा केंद्र स्थापित किए जाएगे.
- दीनदयाल रसोई योजना से न सिर्फ कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध होगा, बल्कि हर वर्ग के व्यक्ति को अपना सामाजिक दायित्व निभाने का सुअवसर भी मिलेगा.
- दीनदयाल रसोई योजना में रोजाना पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक करीब दो हजार लोगों के खाने की व्यवस्था होगी.
योजना के बारे में-
- योजना की व्यवस्था की निगरानी जिला स्तरीय समन्वय व अनुश्रवण समिति करेगी.
- समिति में शासकीय अधिकारियों के अतिरिक्त अनाज व्यापारी संघ और सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष को भी सदस्य बनाया गया है.
- रसोई केंद्रों के लिए गेहूं और चावल एक रुपए प्रति किलो की दर से उचित मूल्य की दुकान के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा.
- पानी और बिजली की व्यवस्था नगर निगम मुफ्त में करेंगे.
- केंद्रों की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना से राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
- प्रत्येक केंद्र के लिए स्थानीय मुख्यालय के राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता खोला जाएगा.
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