नार्वे की नोबेल कमिटी ने 09 अक्टूबर 2020 को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार से वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) को सम्मानित किया. इस संस्था द्वारा भूख की समस्या से निपटने हेतु किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के तहत यह सम्मान दिया गया है. यह घोषणा ओस्लो में की गई. नोबेल समिति अपने पसंदीदा उम्मीदवार को लेकर पूरी गोपनीयता बरतती है.
शांति पुरस्कार की दौड़ में ग्रेटा थनबर्ग समेत 300 से भी ज्यादा नाम शामिल थे, लेकिन समिति ने दुनिया में भुखमरी मिटाने की मुहिम में जुटी वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को इस सम्मान से नवाजा. ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम' को प्रभावित क्षेत्रों में भुखमरी से लड़ने और शांति कायम करने से जुड़े सराहनीय कार्यों के चलते शांति पुरस्कार दिया गया है.
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को क्यों मिला है नोबेल पुरस्कार?
नॉर्वे की नोबेल कमिटी ने ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ को भूख से लड़ने की कोशिशों, युद्धग्रस्त क्षेत्रों में शांति के लिए हालात बेहतर करने और जंग और विवाद की स्थिति में भूख को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किए जाने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु शांति का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया है.
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— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 9, 2020
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the 2020 Nobel Peace Prize to the World Food Programme (WFP).#NobelPrize #NobelPeacePrize pic.twitter.com/fjnKfXjE3E
साल 2019 में शांति का नोबेल पुरस्कार
पिछले साल इथियोपिया के प्रधानमंत्री एबी अहमद अली को इस सम्मान से नवाजा गया था. इस साल नोबेल शांति पुरस्कार का सम्मान पाने के लिए 300 से भी अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं को नामांकित किया गया. यह चौथी बार है जब इतनी बड़ी संख्या में इस सम्मान के लिए नामांकन हुआ है.
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के बारे में
यह संस्था दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय आर्गेनाइजेशन है जो भूख और खाद्य सुरक्षा की समस्या का समाधान करती है. वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने साल 2019 में 88 देशों में करीब 100 मिलियन लोगों को सहायता पहुंचाई थी जो गंभीर भुखमरी के शिकार थे. ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ भुखमरी मिटाने और खाद्य सुरक्षा पर केंद्रित संयुक्त राज्य एजेंसी है. यह संस्था विश्वभर में जरूरतमंदों तक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराती है. गृह युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं जैसे आपात स्थितियों में यह काफी सक्रिय होती है.
नोबेल पुरस्कार: एक नजर में
नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण पुरस्कारों में से एक है. यह स्वीडन के आविष्कारक एल्फ़्रेड नोबेल की इच्छा के अनुसार शुरू किया गया था. पहला नोबेल पुरस्कार वर्ष 1901 में दिया गया था. नोबेल पुरस्कार कई श्रेणियों में दिये जाते हैं. ऐसे कार्यक्रमों और लोगों को इस पुरस्कार के योग्य समझा जाता है जिन्होंने मानव जाति की भलाई के लिए कुछ बड़ा योगदान दिया है. नोबेल फ़ाउंडेशन का नियम कहता है कि यदि कोई विशेष श्रेणी में पुरस्कार का हक़दार नहीं है, तो उसे सम्मानित नहीं किया जाता और उस वर्ष की पुरस्कार राशि को अगले वर्ष के लिए संजोकर रख लिया जाता है.
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