पेशावर उच्च न्यायालय ने 22 मार्च 2017 को यह आदेश जारी किया कि जनगणना में सिखों को धार्मिक आधार पर पृथक रूप से शामिल किया जाये. इसका अर्थ यह हुआ कि सिखों के लिए जनगणना फॉर्म में सिख श्रेणी लिखा जायेगा.
यह फैसला सिख समुदाय की ओर से दायर याचिका के बाद आया जिसमें कहा गया था कि उन्हें जनगणना में धार्मिक आधार पर शामिल नहीं किया गया है. न्यायालय ने यह आदेश जारी किया कि जनगणना फॉर्म में धर्म कॉलम में सिख धर्म की श्रेणी का विकल्प भी दिया जाये. इससे पहले जनगणना फॉर्म में सिखों को अन्य श्रेणी में गिना जा रहा था.
पाकिस्तान में हो रही छठी जनगणना के पहले चरण में सिखों को अनुसूचित जाति के तहत रखा गया था जबकि इसमें मुस्लिम, हिन्दू, ईसाई एवं अन्य समुदायों को अन्य श्रेणी में रखा गया. इसके बाद सिख संगठनों ने न्यायालय में याचिका दायर की कि इस फॉर्म में सिख समुदाय के लिए श्रेणी दी जाए क्योंकि उनकी जनसँख्या देश में काफी अहम स्थान रखती है.
उच्च न्यायालय ने यह आदेश जारी किया कि जनगणना के दूसरे चरण में सिखों को श्रेणी दी जाए. दूसरा चरण 25 अप्रैल 2017 से आरंभ होगा.
19 वर्षों बाद हुई जनगणना
• पाकिस्तान में 19 वर्षों बाद जनगणना आरंभ की गयी. देश में अंतिम बार 1998 में जनगणना कराई गयी थी.
• वर्तमान में चल रही जनगणना में देश में प्रचलित 70 में से केवल नौ भाषाओँ की ही शामिल किया गया है जिससे विभिन्न समुदायों को निराशा हुई है. इस जनगणना में गिलगित-बलूचिस्तान की स्थानीय भाषाओं की भी शामिल नहीं किया गया.
• देश में रह रहे लगभग तीन मिलियन अफगान शरणार्थियों को भी पहली बार जनगणना में रखा गया है.
• यह जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी. पहला चरण 15 मार्च से 15 अप्रैल 2017 होगा. जबकि दूसरा चरण 25 अप्रैल को आरंभ होकर 25 मई 2017 को समाप्त होगा.
पाकिस्तान में सिख समुदाय
• वर्तमान पाकिस्तान में सिख बेहद कम संख्या में मौजूद हैं.
• अधिकतर सिख देश के पंजाब एवं पेशावर प्रांत में रहते हैं.
• गुरु नानक देव का जन्मस्थान ननकाना साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद है.
• विभाजन से पहले पाकिस्तान के पंजाब, लाहौर, रावलपिंडी तथा फैसलाबाद में सिखों की अच्छी-खासी जनसँख्या मौजूद थी.
• दशकों बाद जाकर सिख समुदाय ने पाकिस्तान में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति का निर्माण किया.
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