हार्वर्ड– स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स की एक शोध टीम ने 4 फरवरी 2016 को द एस्ट्रोनॉमिकल जरनल में ट्रिपल– स्टार सिस्टम के साथ स्थिर कक्षा वाले एक ग्रह की खोज के बारे में एक शोधपत्र प्रकाशित किया.
टीम ने इसमें बताया है कि कैसे उन्होंने एक बार सिंगल स्टार सोचे जाने वाले बाइनरी सिस्टम को देखा जो कि वास्तव में तारों को जोड़ा था और एक दूसरे की परिक्रमा कर रहा था और कैसे वे ट्रिपल– स्टार सिस्टम को उजागर कर पाए.
KELT-4Ab ग्रह के बारे में शोध टीम के निष्कर्ष
• मुख्य तारा भी अन्य तारों की तरह ही चमकीला है. यह अपने ग्रह के लिए सूर्य का काम करता है जिसकी वजह से तारा और ग्रह दोनों का अध्ययन करना आसान हो जाता है.
• नई प्रणाली के तहत जिन वस्तुओं का अध्ययन किया जा रहा है, वे हैं– KELT-4Ab, गैस से बना एक विशालकाय ग्रह, वृहस्पति के आकार जैसा छोटा है, यह सूर्य के तौर पर काम करने वाले KELT-4Ab तारे की परिक्रमा पूरी करने में करीब तीन दिनों का समय लेता है.
• दो अन्य तारें हैं KELT-B और C जो बहुत दूर है और करीब 30 वर्षों में एक दूसरे की परिक्रमा पूरी करते हैं.
• इस जोड़े को KELT-A की परिक्रमा करने में करीब चार हजार वर्षों का समय लगता है. शोधकर्ताओं का सुझाव है कि KELT-4Ab को उसके सूर्य की उपस्थिति के स्थान से देखा जा सकता है, काफी करीब होने की वजह से KELT- A हमारे सूर्य से करीब चालीस गुणा अधिक बड़ा दिखाई देता है.
• बहुत अधिक दूरी की वजह से परिक्रमा करने वाले दो अन्य सितारे बहुत कम रौशनी वाले दिखाई देते हैं. ये हमारे चंद्रमा जितना भी नहीं चमकते.
• अंतरिक्ष वैज्ञानिक KELT सिस्टम की मौजूदगी के बारे में कई वर्षों से जानते थे लेकिन यह माना जाता था कि बाइनरी स्टार सिर्फ एक ही तारा है.
• दो अलग–अलग महाद्वीपों– एरिजोना और दूसरा दक्षिण अफ्रीका में लगे रोबोट नियंत्रित दूरबीनों के माध्यम से इस नए प्रयास के साथ शोधकर्ता बाइनरी प्रणाली के काम को देखने में सक्षम हैं.
• एकसाथ इन्हें किलोडिग्री एक्सट्रीमली लिटिल टेलिस्कोप (KELT) कहते हैं और इसके नाम पर ही KELT सिस्टम का नाम रखा गया.
• ट्रिपल –स्टार सिस्टम ने KELT-4Ab जैसे विशाल गैसीय पिंड द्वार उनके तारे के इतने करीब परिक्रमा करने के पीछे के विज्ञान को समझने के लिए वैज्ञानिकों के लिए अनूठा अवसर दिया है.
• सिद्धांत के अनुसार उनके बीच की दूरी और अधिक होनी चाहिए, जैसा कि बृहस्पति के मामले में होता है. एक संभावना कम–से–कम इस नई खोज के लिए तो जरूर है कि इससे आस–पास के बाइनरी सिस्टम के साथ कुछ किया जा सकता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation