तीन दिवसीय वार्षिक कृषि उन्नति मेला 16 मार्च 2018 से नई दिल्ली में शुरू गया है. इस बार का मेला 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर केन्द्रित होगा.
मेले का उद्देश्य:
मेले का उद्देश्य किसानों को कृषि क्षेत्र में विकसित नवीनतम तकनीक के बारे में जागरूक करना है.
थीम का लक्ष्य:
थीम का लक्ष्य है कि किसानों की आय दोगुना करना, सूक्ष्म सिंचाई, खराब पानी का उपयोग, पशुपालन और मत्स्य पालन पर जोर देना है.
मेला से संबंधित मुख्य तथ्य:
यह मेला 16 मार्च से 18 मार्च, 2018 के बीच नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के परिसर में आयोजित किया गया हैं.
प्रधानमंत्री ने 25 कृषि विज्ञान केंद्रों की आधारशिला रखे. कृषि मेला के जरिए किसानों में खेती की नई टेक्नोलॉजी के प्रति जागरुकता बढ़ रही है. यहां टेक्नोलॉजी और सरकार की कोशिशों को दिखाने के लिए 800 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के उन्नति मेले की न्यू इंडिया में जरूरत है क्योंकि देश में आज हज़ारों किसान तकनीक की सहायता से आगे बढ़ रहे हैं.
मेले में बीज, उर्वरकों और कीटनाशकों पर भी पवेलियन (मंडप) स्थापित किए गए है.
इस मौके पर पीएम ने 'कृषि कर्मन' और 'पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन' पुरस्कार भी प्रदान किए. सरकार कृषि मेला के जरिए किसानों में खेती की नई टेक्नोलॉजी के प्रति जागरुकता बढ़ा रही है.
कृषि विज्ञान मेला:
कृषि विज्ञान मेला वर्ष 1972 में शुरू किया गया. यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का एक अत्यंत महत्वपूर्ण वार्षिक आयोजन है, जो कि कृषि तकनीकी विकास के बारे में जागरूकता पैदा करने और कृषि समुदाय से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए आयोजित किया जाता है.
कृषि समुदाय से मिली प्रतिक्रिया संस्थान की अनुसंधान संबंधित रणनीति बनाने में मददगार होती है. यह मेला कृषि अनुसंधान और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर एक विशेष थीम के साथ हर साल आयोजित किया जाता है.
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