
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने 26 अप्रैल 2016 को स्वास्थ्य सुरक्षा में अनुसंधान और नवाचार के लिए आईसीएमआर और सनफार्मा के बीच अनुसंधान और नवाचार के लिए देश की पहली सरकारी-निजी-भागीदारी (पीपीपी) की घोषणा की.
उपरोक्त निर्णय के तहत आईसीएमआर की महानिदेशक डॉ. सौम्याग स्वामीनाथन और सनफार्मा के प्रबंध निदेशक दिलीप सांघवी द्वारा इस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया.
इसके साथ ही साथ विश्व मलेरिया दिवस समारोह के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह सहयोग देश में मलेरिया उन्मूलन के लिए सरकार की कार्य नीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. नड्डा ने बताया कि 2030 तक मलेरिया उन्मू्लन के लिए पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की प्रतिबद्धता में भारत एक पक्ष है, इसलिए मलेरिया उन्मूलन प्रदर्शन परियोजना की आज की घोषणा का विशेष महत्व है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आईसीएमआर और सनफार्मा की भागीदारी के हिस्से के रूप में मलेरिया उन्मूलन में राष्ट्रीय ढांचे की सहायता के लिए मलेरिया उन्मूलन प्रदर्शन परियोजना- 'मलेरिया मुक्त भारत' का गठन किया जाएगा, जिसकी घोषणा स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा फरवरी 2016 में की गई थी. प्रदर्शन परियोजना की शुरूआत पहले मांडला से की जाएगी, जो मध्य प्रदेश के सबसे अधिक मलेरिया प्रभावित जिलों में से एक है.
उपरोक्त निर्णय के तहत सनफार्मा मांडला जिले के 200,000 घरों के लिए 3 से 5 वर्ष की अवधि तक मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलाने के लिए राशि उपलब्ध करायेगी. मध्य प्रदेश की सरकार की मदद और इस सहयोग से मांडला जिले में मलेरिया उन्मूलन प्रदर्शन परियोजना कार्यान्वित की जाएगी.
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