इंदौर की प्रसिद्ध समाजसेवी डॉक्टर भक्ति यादव का 14 अगस्त 2017 को निधन हो गया. वे 92 वर्ष की थीं. उन्हें वर्ष 2017 में ही पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. वे लंबे समय से बीमार चल रहीं थी, लेकिन इस दौरान उन्होंने मरीजों को देखना नहीं छोड़ा था.
गौरतलब है कि डॉक्टर भक्ति यादव के नाम 64 वर्ष में एक लाख से ज्यादा महिलाओं की डिलिवरी कराने का रिकॉर्ड भी था. इसके साथ ही वे इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की पहली महिला डॉक्टर भी थीं.
डॉ भक्ति यादव
• उनका जन्म उज्जैन जिले के महिदपुर में 3 अप्रैल 1926 को हुआ था.
• डॉ. यादव ने अपने शोध पत्र 'प्रेग्नेंसी इन एडवोसेशंस' में 1962 में ही यह उल्लेख किया था कि आने वाले समय में 12 से 17 वर्ष की आयु की बालिकाओं में कौमार्य के समय गर्भावस्था की समस्या सबसे ज्यादा होगी.
• डॉ. भक्ति यादव 1948 से मरीजों का बिना कोई फीस लिए इलाज करती थीं.
• डॉ भक्ति कोकुछ समय पहले अस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी हो गई, जिसकी वजह से उनका वजन लगातार घट रहा था.
• पिछले छह दशक में एक लाख से अधिक महिलाओं का इलाज कर चुकी डॉ भक्ति यादव अपने क्षेत्र में ‘डॉक्टर दादी’ के नाम से मशहूर थीं.
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