आज (10 जून को) इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह ग्रहण एक 'रिंग ऑफ फायर' या वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. यानी ग्रहण के समय कुछ हिस्सों में रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) बनती हुई नजर आएगी. सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के लगभग 97 प्रतिशत हिस्से को कवर करेगा.
बता दें कि इस साल का यह दूसरा ग्रहण है. 26 मई को साल का पहला चंद्रग्रहण था. इस दौरान कई जगहों पर सुपर ब्लडमून भी देखा गया. रिपोर्ट के अनुसार इस साल 2 चंद्रग्रहण और 2 सूर्यग्रहण देखने को मिलेंगे. सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के लगभग 97 प्रतिशत हिस्से को कवर करेगा.
कब से कब तक रहेगा ग्रहण?
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय समय के अनुसार दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 41 मिनट तक सूर्य ग्रहण का समय रहेगा.
साल का पहला सूर्य ग्रहण
148 साल बाद शनि जयंती पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. जिसका विभिन्न राशियों पर अच्छे-बुरे प्रभाव देखने को मिलेंगे. इससे पहले 26 मई 1873 को ऐसा संयोग बना था. विशेषज्ञों की मानें तो भारत के दो शहर में सूर्य ग्रहण दिखेगा. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2021) भारत में केवल सूर्यास्त से कुछ समय पहले अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों में ही दिखेगा.
सूर्य ग्रहण कब-कहां देगा दिखाई
इस घटना को उत्तरी अमेरिका, उत्तरी कनाडा, यूरोप और एशिया, ग्रीनलैंड, रूस के बड़े हिस्से में भी देखा जा सकेगा. हालांकि कनाडा, ग्रीनलैंड तथा रूस में वलयाकार जबकि उत्तर अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, यूरोप और उत्तर एशिया में आंशिक सूर्य ग्रहण ही दिखाई देगा. वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूरज को इस तरह से ढक लेता है कि उससे केवल सूरज का बाहरी हिस्सा ही प्रकाशमान के तौर पर दिखाई देता है. इस दौरान सूरज का मध्य हिस्सा पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे ढक जाता है.
सूर्य ग्रहण क्या है?
जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चांद आ जाता है तो इसे सूर्यग्रहण कहते हैं. इस दौरान सूर्य से आने वाली रोशनी चांद के बीच में आ जाने की वजह से धरती तक नहीं पहुंच पाती है और चांद की छाया पृथ्वी पर पड़ती है. दरअसल सूर्य के आसपास पृथ्वी घूमती रहती है और पृथ्वी के आसपास चंद्रमा. इसी वजह से तीनों कभी न कभी एक दूसरे के सीध में आ जाते हैं. इन्ही वजहों से सूर्य और चंद्र ग्रहण होता है.
रिंग ऑफ फायर: एक नजर में
वलयाकार सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि इस दौरान आसमान में सूर्य एक आग की अंगूठी की तरह चमकता हुआ नजर आता है. हालांकि ये नजारा कुछ ही समय का होता है. ये ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य के पूरे भाग को अपनी छाया से नहीं ढक पाता इस स्थिति में सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित रहता है.
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