केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 01 फरवरी 2018 को लोकसभा में वर्ष 2018-19 का आम बजट (Union Budget) पेश किया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकिंग सेक्टर के लिए सरकार के प्रयासों और विनिवेश के पहलू पर सरकार के लक्ष्य को उजागर किया.
आम बजट 2018-19 में वित्तीय क्षेत्र से संबंधित निम्नलिखित घोषणाएं की गई.
मुख्य तथ्य:
- सरकार जल्द नई गोल्ड पॉलिसी लाएगी. नई नीति से सोना ले लाने ले जाने में आसानी होगी.
- उद्योगों के लिए 16 नंबर की यूनिक आईडी दी जाएगी. सरकार की तीनों बीमा कंपनियां अब एक हो जाएंगी.
- क्रिप्टो करंसी से जुड़ी संपत्तियां खत्म करने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी. देश में बिटक्वायन नहीं चलेगा.
- अगले 3 साल में सरकार सभी क्षेत्रों में 70 लाख नई नौकरियां पैदा करेगी.
- बजट 2018 में नए कर्मचारियों के ईपीएफ में सरकार 12 फीसदी देगी.
- 40,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा. यानी वेतन से 40,000 रुपए घटाकर टैक्सेबल इनकम बनेगी.
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन अब 10 फीसदी होगा. एक लाख रुपए के लाभ या डिविडेंड पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा. उसके बाद 10 फीसदी टैक्स लगेगा.
- 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना है. पहले यह राहत 50 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों को ही थी.
- महिलाओं के लिए ईपीएफ की सीमा कम कर 8 फीसद की गई.
- 99 स्मार्ट सिटी के लिए 2.4 लाख करोड़ का फंड. स्मार्ट सिटी के विकास के लिए 2.4 लाख करोड़ का फंड.
- इस वर्ष 80,000 करोड़ रुपए के बॉण्ड जारी किए गए.
- सरकार ने किसी भी इकाई द्वारा 2.5 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करने पर स्थायी खाता संख्या (पैन) का उल्लेख अनिवार्य बनाया.
- 2 बीमा कंपनियों सहित 14 सरकारी कंपनियां शेयर बाजार से जुड़ेंगी.
- कॉर्पोरेट टैक्स में कंपनियों को भारी छूट की घोषणा की गई है. बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस को भी टैक्स के दायरे में लाया गया है.
- बुजुर्गों के बचत में 50000 तक ब्याज में कोई टैक्स नहीं लगेगा.
- गरीबों-मध्यवर्ग को होम लोन में राहत.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation