आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है. अब देश में भारत के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शहर को बसाने की पहल की गयी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की राजधानी लखनऊ को एआई शहर के रूप में विकसित करने की मंजूरी दे दी है.
'नवाबों का शहर' के नाम से मशहूर लखनऊ अब एआई शहर के रूप में जाना जायेगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बढ़त बनाने के उद्देश्य से यूपी की योगी सरकार ने यह फैसला किया है. लखनऊ शहर को राज्य की पिछली सरकारों ने भी आईटी हब के रूप में विकसित करने के लिए उल्लेखनीय कदम उठाये थे जिसे योगी सरकार आगे लेकर जा रही है.
यूपी सरकार ने अगले 5 वर्षों में 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में आईटी जिसे मुख्य सेक्टर का विकास काफी जरुरी हो जाता है जिससे राज्य में बड़े आईटी इन्वेस्टर राज्य में निवेश के लिए आकर्षित होंगे. गौरतलब है कि यूपी आईटी इकोसिस्टम के मामले में छ्ठे स्थान पर है.
नोएडा पहले से ही आईटी के केंद्र के रूप में उभरा है, इसी की तर्ज पर अब लखनऊ जैसे टियर 2 शहरों का भी विकास आईटी हब के रूप में किया जा रहा है.
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नवाबों की नगरी अब बनेगा एआई शहर:
उत्तर प्रदेश सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर राज्य को इस क्षेत्र में और आगे ले जाने का प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में यह उल्लेखनीय कदम उठाया गया है. देश का सबसे बड़ा राज्य अब भारत के पहले एआई शहर को विकसित करने की राह पर है.
ग्रैंड व्यू रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में वैश्विक एआई मार्केट का आकार 137 बिलियन डॉलर आंका गया था. साथ ही साल 2023 में इसके 37.3 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद जताई गयी है.
एआई शहर के लिए ईओआई किया गया जारी:
यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड एआई शहर के विकास के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) जारी कर दिया है जिसमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, अनुसंधान केंद्रों और शैक्षणिक संस्थानों को एकीकृत करके शहर के विकास की बात कही गयी है. प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी, एआई शहर को विकसित करने और संचालित करने के लिए एक रियल एस्टेट डेवलपर को आमंत्रित कर रही है.
क्या है एआई शहर का प्लान?
प्रोजेक्ट पर काम करने वाले रियल एस्टेट डेवलपर प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित ऑफिस इंफ्रास्ट्रक्चर और इनक्यूबेटर्स स्टार्ट-अप और कॉरपोरेट्स के लिए ग्रेड A ऑफिस स्पेस वाले टावर का विकास करेंगे.
प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कहा है कि एआई सिटी में वॉक-टू-वर्क मॉडल को शामिल करने के लिए लक्जरी आवासीय परिसरों का भी विकास किया जायेगा.
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने प्रोजेक्ट के लिए संभावित भूमि पार्सल का चयन किया है. इसके तहत आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के स्वामित्व वाली 40 एकड़ भूमि को संभावित एआई सिटी के रूप में डेवेलप किया जायेगा.
ईओआई डॉक्यूमेंट के अनुसार, आईटी पार्क के लिए 20 करोड़ रुपये और आईटी सिटी के लिए 100 करोड़ तक 25% का एकमुश्त पूंजीगत व्यय समर्थन दिया जायेगा.
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