विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने 22 मार्च 2017 को ग्लोबल एनर्जी आर्किटेक्चर पर्फॉर्मेंस इंडेक्स रिपोर्ट (ईएपीआई) 2017 जारी कर दी. सुरक्षित, न्यायपूर्ण और स्थायी ऊर्जा देने की क्षमता के आधार पर इंडेक्स में 127 देशों को रैंक किया गया है. रिपोर्ट में स्विट्जरलैंड पहले स्थान पर है, भारत को 87 वां स्थान मिला था.
रिपोर्ट की विशेषताएं:
• अच्छा प्रदर्शन करने वाले अलग– अलग आकार और प्रकार वाले हैं– जहां इस वर्ष चोटी के प्रदर्शन करने वालों में छोटे देश शामिल हैं, सकल घरेलू उत्पाद और आबादी दोनों के मामले में और आमतौर पर उन्नत अर्थव्यवस्थाएं, वहीं काफी संख्या उन देशों की भी है जो इस मोल्ड में फिट नहीं बैठते.
• रैंक में यूरोपीय देशों का वर्चस्व हैः बीते वर्षों के जैसे ही यूरोपीय देस ईएपीआई के शीर्ष 20 रैंक में से ज्यादातर स्थानों पर बने हुए हैं. कोलंबिया (8), न्यूजीलैंड (9), उरुग्वे (10) और कोस्टा रिका (14), टॉप 20 में आने वाले अपवाद हैं.
• दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता रैंक से बाहर हैं– दुनिया के प्रमुख ऊर्जा उपभोक्ता, विकसित और विकासशील दोनों ही दुनिया के, ईएपीआई में अच्छी रैंक लाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं.
• जैसे चीन (95), भारत (87), जापान (45), रुस संघ (48) और संयुक्त राज्य अमेरिका (52) ऐसे देश हैं जो या तो रैंक में नीचे आए हैं या ईएपीआई 2009 के बाद से इनकी रैंकिंग में मामूली सुधार हुआ है.
• बीते वर्ष से, सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉप–20 देशों के ईएपीआई अंक में अन्य सभी देशों की तुलना में औसतन दुगुना बढ़ोतरी हुई है.
• रिपोर्ट के अंत में, डब्ल्यूईएफ ने दुनिया के सभी देशों को सलाह दी है कि वे ऊर्जा क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक नीति रुपरेखा तैयार करें और उसका पालन करें.
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