15th BRICS summit: दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स समूह का 15वां शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में 22 अगस्त से 24 अगस्त के बीच जोहान्सबर्ग में आयोजित किया जा रहा है.
भारत के प्रधानमन्त्री नरेद्र मोदी इसमें भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंच चुके है. कोविड-19 महामारी के कारण लगातार तीन वर्षों की वर्चुअल बैठकों के बाद यह पहला व्यक्तिगत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन है.
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे पीएम मोदी:
यह पीएम मोदी की यह दक्षिण अफ्रीका की तीसरी यात्रा है और यह यात्रा भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ का प्रतीक भी है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद, पीएम मोदी ग्रीस जाएंगे. पीएम मोदी 40 वर्षों में इस प्राचीन देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री भी होंगे.
PM @narendramodi's visit to South Africa for the 15th BRICS Summit includes a series of impactful programs, reflecting India's commitment to global collaboration🇮🇳🇿🇦#PMModi #BRICSSummit #BRICSSummit2023 pic.twitter.com/igjPg7NBAN
— MyGovIndia (@mygovindia) August 22, 2023
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का थीम:
इस वर्ष का ब्रिक्स शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है. इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का थीम: "ब्रिक्स और अफ्रीका: पारस्परिक रूप से त्वरित विकास, सतत विकास और समावेशी बहुपक्षवाद के लिए साझेदारी" है.
ब्रिक्स क्या है?
ब्रिक्स (BRICS) उभरती अर्थव्यवस्थाओं - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है. जिसमें शुरू में दक्षिण अफ्रीका शामिल नहीं था तब यह BRIC के नाम से जाना जाता था.
वर्ष 2001 में तत्कालीन गोल्डमैन सैक्स के मुख्य अर्थशास्त्री जिम ओ'नील (Jim O’Neill) द्वारा एक शोध पत्र में इसका जिक्र किया गया था, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन की विकास क्षमता को रेखांकित किया गया था.
ब्रिक्स | उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह |
गठन | सितम्बर 2006 |
संस्थापक देश | ब्राजील, रूस, भारत और चीन |
सदस्य देश | ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका |
पहली ब्रिस्क समिट | 2009 |
15वां ब्रिस्क समिट | जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) |
वर्ष 2006 में BRIC विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के दौरान इस समूह को औपचारिक रूप दिया गया था. दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को BRIC में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, जिसके बाद समूह ने संक्षिप्त नाम BRICS को अपनाया.
ब्रिक्स की अध्यक्षता B-R-I-C-S के अनुसार, सदस्यों के बीच प्रतिवर्ष घुमती है. पहली ब्रिस्क समिट वर्ष 2009 में आयोजित की गयी थी. ब्राजील, रूस, भारत और चीन इसके संस्थापक सदस्य हैं.
कौन से देश ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं?
दुनिया की वर्तमान स्थिति को देखते हुए ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, अर्जेंटीना, अल्जीरिया, बोलीविया, इंडोनेशिया, मिस्र, इथियोपिया, क्यूबा, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, कोमोरोस, गैबॉन और कजाकिस्तान सहित 40 से अधिक देश ब्रिक्स ग्रुप में शामिल होना चाहते है.
क्यों ब्रिक्स से जुड़ना चाहते है अन्य देश?
दुनिया के कई देश ब्रिक्स को पारंपरिक पश्चिमी शक्तियों वाले वैश्विक निकायों के विकल्प के रूप में देखते हैं और इससे जुड़कर विकास वित्त, व्यापार और निवेश से लाभ प्राप्त करना चाहते है.
कोविड-19 महामारी के कारण, विकासशील देशों के बीच वैश्विक व्यवस्था के प्रति असंतोष और बढ़ गया है. जिस कारण ब्रिक्स की सदस्यता और महत्वपूर्ण हो जाती है.
मध्य पूर्व के लगभग एक चौथाई तेल भंडार वाला देश ईरान भी इससे जल्द से जल्द जुड़ने की कोशिश कर रहा है. वहीं दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना ने कहा था कि जुलाई 2022 में उसे समूह में शामिल होने के प्रयास में चीन का औपचारिक समर्थन प्राप्त हुआ था.
अल्जीरिया, बोलीविया जैसे देश भी इससे जुड़ने की कोशिश में लगे हुए है, जिससे पश्चिमी शक्तियों के प्रभाव का असर उनके देश और खासकर अर्थव्यवस्था पर न पड़े.
🇷🇺 Russian President Putin will take part in the 15th annual BRICS Summit through video conference. pic.twitter.com/8LaOkOMJIo
— BRICS (@BRICSinfo) August 21, 2023
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