रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच इस समय एक वैगनर ग्रुप काफी चर्चा में है, यह ग्रुप अभी तक यूक्रेन में रूस की सेना की ओर से लड़ रहा था, लेकिन हाल ही में इसने एक अलग फैसला लेते हुए रुसी सेना के खिलाफ लड़ने का फैसला किया है.
वैगनर ग्रुप के इस फैसले ने रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन की चिंताएं बढ़ा दी है. इस ग्रुप क प्रमुख ने रुसी सेना के खिलाफ लड़ने का फैसला किया है. साथ ही ग्रुप ने ऐलान किया है कि जो भी हमारे रास्ते में आयेगा हम उसको खत्म कर देंगे. हालांकि इस आर्मी ने रूस की राजधानी मास्को में न घुसने का फैसला किया है.
Here’s what you need to know about the Wagner Group, its role in Russia’s invasion of Ukraine, and why its leader is accused of mutiny https://t.co/HVv0mbu6GA
— Bloomberg (@business) June 24, 2023
क्या है वैगनर ग्रुप?
रूस के सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने की धमकी देने वाला वैगनर ग्रुप भाड़े के सैनिकों की एक निजी सेना है जो यूक्रेन में नियमित रूसी सेना के साथ लड़ रही थी और भी तक इसके हजारों सैनिक इस लड़ाई में भाग ले रहे थे. वर्ष 2014 में इस सेना के पास 5,000 से अधिक सैनिक थे, जिसमें रूस की विशिष्ट रेजिमेंट और विशेष बलों के सैनिक शामिल थे.
वैगनर समूह ने 2022 में एक कंपनी के रूप में खुद को रजिस्टर किया था और सेंट पीटर्सबर्ग में एक नया मुख्यालय खोला था.
वैगनर आर्मी को पहली बार 2014 में पहचान मिली जब वह यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादी शक्तियों का समर्थन किया. शरू में यह एक सीक्रेट ऑर्गेनाइज़ेशन के रूप में करू कर रहा था, जो अधिकतर अफ्रीका और मिडल ईस्ट में एक्टिव था.
वैगनर ग्रुप क्यों हुआ रुसी सेना के खिलाफ:
वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने रूस के रक्षामंत्री को बाहर करने के लिए मास्को की ओर मार्च करने का फैसला किया था. उनके इस बयान से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन काफी नाराज है और उन्होंने इसे 'विश्वासघात' बताया है. हालांकि इस आर्मी ने रूस की राजधानी मास्को में न घुसने का फैसला किया है.
कथित तौर पर वैगनर ग्रुप रुसी सेना के कुछ फैसलों से नाराज है जिस कारण उन्होंने रूस की सेना से अलग होने और इसके खिलाफ युद्ध लड़ने का फैसला किया है.
वैगनर ग्रुप की शुरुआत कैसे हुई?
वैगनर ग्रुप की स्थापना में पूर्व रूसी सेना अधिकारी, दिमित्री उत्किन की कथित संलिप्तता को जिम्मेदार माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि वह वैगनर के पहले फील्ड कमांडर थे और उन्होंने अपने पूर्व रेडियो कॉल साइन के नाम पर इसका नाम रखा था. वर्तमान प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन एक अमीर व्यवसायी हैं जिन्हें "पुतिन का शेफ" उपनाम से जाना जाता है.
रूस-यूक्रेन युद्ध में वैगनर ग्रुप की क्या है भूमिका:
किंग्स कॉलेज लंदन में सुरक्षा विशेषज्ञ ट्रेसी जर्मन के अनुसार, वैगनर ग्रुप का पहला ऑपरेशन 2014 में रूस को क्रीमिया पर कब्ज़ा करने में मदद करना था. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि यूक्रेन में वैगनर के लगभग 80% सैनिकों को जेलों से हटा दिया गया है.
वैगनर ग्रुप रुसी सेना के साथ मिलकर पूर्वी यूक्रेन के बखमुत शहर पर कब्जा करने में काफी मदद की थी. हालांकि शुरू में रुसी रक्षा मंत्रालय ने, वैगनर समूह के युद्ध में शामिल होने का खुलासा नहीं किया था. लेकिन बाद में उन्होंने इनकी भूमिका की प्रशंसा की थी.
यूक्रेन में 50 हजार से ज्यादा सैनिक:
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की मानें तो गनर ग्रुप के 50 हजार से ज्यादा सैनिक यूक्रेन में मौजूद है. यूक्रेन में युद्ध के लिए इस ग्रुप ने सैनिकों की भर्ती का अभियान भी चलाया था. यूक्रेन में जारी युद्ध में वैगनर ग्रुप का काफी महत्वपूर्ण रोल है लेकिन उनके हाल के फैसलों ने रुसी नेतृत्व को संकट में डाल दिया है.
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