कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अक्टूबर 2014 से स्थायी ईपीएफ खाता संख्या जारी करने की घोषणा 24 मार्च 2014 को की. ईपीएफओ के इस निर्णय से भविष्य निधि संगठन के पांच करोड़ सदस्यों को फायदा होगा.
स्थायी खाता संख्या (यूएएन, Universal Account Number, UAN) के माध्यम से भविष्य निधि खाताधारक अपने खाते का अंतरण रोजगार में परिवर्तन के दौरान कर पायेंगे. यूएएन जारी किये जाने के पश्चात किसी भी खाताधारक को नये रोजगार पर नियुक्ति के पश्चात पीएफ खाता संख्या जारी नहीं किया जाएगा.
यूएएन एक खाता संख्या होगा जो कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की विभिन्न योजनाओं के लिए वैध होगा और यह उस खाताधारक की विभिन्न नियोक्ताओं के साथ पूरे कार्यशील जीवन-पर्यंत काम आएगा.
यूएएन कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक, Centre for Development of Advanced Computing, C-DAC) एक क्रिया विधि तैयार करेगा.
सी-डैक केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रद्यौगिकी मंत्रालय के अंतर्गत अनुसंधान एवं विकास का एक शीर्ष संगठन है जो कि सूचना प्रद्यौगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा संबंधित क्षेत्रों में शोध एवं विकास की गतिविधियों का प्रचालन करता है.
यूएएन का महत्व
यूएएन जारी होने के पश्चात पीएफ सदस्यों को रोजगार परिवर्तन की दशा में पीएफ खाते के अंतरण के लिए आवेदन नहीं करना होगा. इससे अंगठित क्षेत्र में कार्यशील एक बड़ी जनसंख्या को फायदा होगा क्योंकि इन्हें बार-बार रोजगार में परिवर्तन करना पड़ता है.
यूएएम से ईपीएफओ पर पड़ने वाले अतिरिक्त कार्य के बोझ को कम करने में मदद मिलेगी. वर्ष 2012-13 के दौरान, ईपीएफओ को पीएफ खाते के अंतरण के 12 लाख आवेदन प्राप्त हुए.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से संबंधित तथ्य
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश के 15 नवंबर 1951 को लागू किये जाने के बाद से अस्तित्व में आया. इस अध्यादेश ने कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 को प्रतिस्थापित किया. इसे अब कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रावधान अधिनियम, 1952 कहा जाता है.
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