केरल के वायनाड जिले के अंबुकुती की पहाड़ियों में प्राचीन ब्राह्मी लिपि का शिलालेख मिला. प्राचीन ब्राह्मी लिपि के शिलालेख की खोज कालीकट विश्वविद्यालय में पुरालेख के एक पूर्व प्रोफेसर डॉ. एमआर राघव वारियर ने की. डॉ. एमआर राघव वारियर खोजी गए शिलालेख को श्री वाझुमी के रूप में पढ़ा था. वाझुमी संस्कृत अक्षर का तमिल नाम है.
प्रोफेसर डॉ. एमआर राघव वारियर के अनुसार प्राचीन ब्राह्मी लिपि का शिलालेख एदक्कल शैली जैसा है. शिलालेख में कुछ मानव आकृतियां भी उकेरी हुई हैं. डॉ. एमआर राघव वारियर ने मानव आकृतियों को उत्पत्ति का सूचक बताया. उनके अनुसार कुल मिलाकर पूरा लेख संस्कृत तथा द्रविड़ भाषा एवं लिपि का समन्वय है. एदक्कल का यह शिलालेख परंपरा तथा दक्षिण भारत की ब्राह्मी लिखावट के बारे में जानकारी देता है.
ज्ञातव्य हो कि एदक्कल की गुफाएं समृद्ध शिला कला एवं लेखों के लिए प्रसिद्ध हैं. हालांकि इससे पूर्व पाए गए शिलालेखों में शासकों और नायकों के नाम पाए गए थे. परन्तु इस शिलालेख में किसी देवता का नाम है. एदक्कल के तमिल ब्राह्मी लेख का सर्वप्रथम खोज व वर्णन 1901 में पूर्ववर्ती मालाबार जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक एफएफ फावसेट ने भारत सरकार के प्रकाशन इंडियन एंटीक्वीटी में किया था. एफएफ फावसेट ने गुफाओं के भीतर उत्खनन कार्य किया था. 1984 में केरल के पुरातत्व विभाग ने इस स्थल को अपने अधिकार में लेकर इसे संरक्षित स्मारक घोषित किया था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation