आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गंगा नदी को साफ करने की परियोजना को मंजूरी प्रदान की. राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (National Ganga River Basin Authority, एनजीआरबीए) द्वारा लागू की जाने वाली इस परियोजना पर 7000 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है. जिसमें से 5100 करोड़ रूपए केन्द्र को तथा शेष 1900 करोड़ रुपए उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल सरकारों को देना है.
विश्व बैंक राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (National Ganga River Basin Authority, एनजीआरबीए) परियोजना के लिए करीब 4500 करोड़ रुपए का ऋण देने पर सिद्धान्त रूप से सहमत हो गया है, जो केन्द्र द्वारा दी जाने वाली राशि का हिस्सा होगा. परियोजना की अवधि आठ वर्ष है.
विदित हो कि राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (National Ganga River Basin Authority) का गठन पर्यावरण (संरक्षण) कानून 1986 के तहत गंगा नदी के लिए योजना, वित्त, निगरानी और नियामक के एक सशक्त प्राधिकरण के रूप में फरवरी 2009 में हुआ था. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले इस प्राधिकरण का उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण को सुनिश्चित करना और नदी घाटी जुड़ाव को अपना कर पर्यावरणीय प्रवाह को व्यापक योजना और प्रबंधन द्वारा बनाए रखना है.
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