Cambodia and Thailand moved closer to ending the fighting on their border with reports of a cease-fire agreement. थाईलैंड और कंबोडिया सात दिनों के संघर्ष के बाद युद्धविराम पर सहमत हो गए. दोनों देशों के फील्ड कमांडरों की 28 अप्रैल 2011 को बैठक हुई. बैठक में दोनों पक्ष युद्धविराम के साथ-साथ विस्थापितों की वापसी के लिए सीमा पर कुछ स्थानों को खोलने पर भी सहमत हुए. थाईलैंड और कंबोडिया के मध्य हुए समझौते में इंडोनेशिया की पुख्य भूमिका रही. दोनों देशों के मध्य विवाद का तात्कालिक कारण कंबोडिया के खमेर शासकों द्वारा 11वीं शताब्दी में हिंदू देवता शिव के सम्मान में प्रेह विहार नामक स्थान पर बनवाया गए मंदिर पर अधिकार को लेकर है. प्रेह विहार नामक यह मंदिर दोनों देशो की सीमाओं में फैली पहाड़ी पर स्थित है.
विदित हो कि वर्ष 1953 में कंबोडिया को फ्रांस से आजादी मिलने के बाद इस मंदिर पर दावेदारी को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हुआ. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पुराने नक्शों के आधार पर कंबोडिया के पक्ष में वर्ष 1962 में निर्णय दिया. परन्तु न्यायालय ने इस मंदिर के विस्तृत अहाते के बारे में कुछ भी नहीं कहा, जिस पर थाईलैंड का नियंत्रण था. इसलिए थाईलैंड ने इस मंदिर पर अपना दावा कभी भी नहीं छोड़ा. यह अलग बात है कि दोनों देशों में से किसी ने भी इस धरोहर का रखरखाव नहीं किया.
वर्ष 2008 में यूनेस्को ने इस मंदिर को विश्व धरोहर का दर्जा दे दिया, जिसके बाद दोनों देशों में टकराव बढ़ गया. अक्टूबर 2008, अप्रैल 2009 और फरवरी 2010 के बाद 4 फरवरी 2011 को दोनों देशों के बीच पुनः संघर्ष भड़क उठा जिसमें दोनों देशों ने तोपों का इस्तेमाल किया. थाईलैंड और कंबोडिया दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित दोनों एक पड़ोसी देश हैं. दोनों की 95 प्रतिशत आबादी बौद्ध है. थाईलैंड के वर्तमान राजा को नौवें राम के रूप में जाना जाता है. थाईलैंड सैन्य और आर्थिक शक्ति में कंबोडिया से बड़ा और समृद्ध देश है. कंबोडिया ने इस बार लड़ाई के बाद स्वयं युद्धविराम की एकतरफा घोषणा की और इसे स्थायी युद्धविराम बनाने की बात भी कही.
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