नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को शक्तिशाली भूकंप आया, जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.9 मापी गई. भूकंप का केंद्र नेपाल में पोखरा से करीब 75 किलोमीटर दूर लामजुम में दर्ज किया गया. शक्तिशाली भूकंप से 449 से अधिक लोग मारे गए और लगभग हजारों घायल हो गए.
नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप से ऐतिहासिक काष्ठमंडप सहित कई प्राचीन मंदिर क्षतिग्रस्त हो गए. काष्ठमंडप लकड़ियों से बना 16वीं शताब्दी का स्मारक है, इससे ही नेपाल की राजधानी का नाम काठमांडू रखने की प्रेरणा मिली. काष्ठमंडप के अलावा जो अन्य प्राचीन मंदिर ध्वस्त हुए, उनमें पंचतले मंदिर, नौ-मंजिला बसंतपुर दरबार, दशावतार मंदिर और कृष्णा मंदिर भी हैं.
काठमांडू की विश्व प्रसिद्ध स्मारक धरहरा मीनार भी भूकंप से ध्वस्त हो गई. धरहरा मीनार का निर्माण वर्ष 1832 में नेपाल के प्रथम प्रधानमंत्री भीमसेन थापा द्वारा करवाया गया था.
नेपाल में भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन भी हुआ.
हिमालयी देश में पिछले 80 वर्ष में यह सर्वाधिक भीषण भूकंप माना जा रहा है. भूकंप के झटके उत्तर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी महसूस किए गये. भारत के बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, असम और पंजाब में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.
इससे पहले वर्ष 1934 में नेपाल-बिहार सीमा पर 8.4 तीव्रता वाला भूकंप आया था. जिसमें काठमांडू, बख्तरपुर और पटन जैसे शहर अत्यधिक प्रभावित हुए थे.
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