प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने एवं अप्रासंगिक कानूनों की समीक्षा के लिए 27 अगस्त 2014 को एक समिति गठित की. इस समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री कार्यालय में सचिव आर. रामानुजम को बनाया गया है. विधायी विभाग के पूर्व सचिव वीके भसीन को इस समिति का सदस्य बनाया गया है. यह समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को देगी. उसके आधार पर पुराने एवं अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को रद्द करने के लिए शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश किया जाएगा. इस संपूर्ण प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य बेवजह के कानूनों से प्रशासनिक क्रियाकलापों में आने वाले अवरोधों को रोकना है.
यह समिति उन कानूनों की जांच करेगी जो पिछले 10-15 वर्षों में अप्रासंगिक हो गए हैं. इसके साथ ही साथ यह समिति उन सभी कानूनों की भी समीक्षा करेगी, जिन्हें अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की ओर से वर्ष 1998 में गठित प्रशासनिक कानूनों की समीक्षा समिति ने रद्द करने की सिफारिश की थी.
विदित हो कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की ओर से वर्ष 1998 में गठित समिति ने कुल 1382 कानूनों को रद्द करने की सिफारिश की थी, उनमें से अभी तक केवल 415 कानून ही समाप्त किए गए हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation