भारत के भूगोल पर ध्यान दें, तो हमें यहां जल, जंगल और जमीन में पर्वत से लेकर नदियां और झीलों का जाल देखने को मिलता है। देश के अलग-अलग राज्यों में झीलें मौजूद हैं। इनमें कुछ झीलें प्राकृतिक हैं, तो कुछ झीलें मानव द्वारा बनाई गई हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत की सबसे बड़ी मानव-निर्मित झील कौन-सी है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत की सबसे बड़ी मानव-निर्मित झील
भारत की सबसे बड़ी मानव-निर्मित झील की बात करें, तो यह गोविंद वल्लभ पंत सागर(रिहंद जलाशय) है। यह उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में पिपरी नामक स्थान पर मौजूद है। झील का एक भाग मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में फैला हुआ है।
कैसे हुआ निर्माण
झील का निर्माण रिहंद बांध के कारण हुआ है, जो कि 300 फीट ऊंचा 934 मीटर लंबा है। झील का निर्माण रिहंद नदी पर किया गया है, जो कि सोन नदी की प्रमुख सहायक नदी है।
कितनी बड़ी और गहरी है झील
सबसे बड़ी मानव-निर्मित झील की कुल भंडारण क्षमता 10.6 बिलियन क्यूबिक मीटर है। यह झील कुल 450 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है, जो कि 90 मीटर गहरी है।
किसके नाम पर रखा गया झील का नाम
यूपी की इस झील का नाम प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नाम पर रखा गया है। इस झील की आधारशीला 1954 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा रखी गई थी। झील का निर्माण 1962 में पूरा हुआ। वहीं, 6 जनवरी, 1963 को झील का उद्घाटन किया गया।
क्या था परियोजना का उद्देश्य
इस पूरी परियोजना का उद्देश्य जलविद्युत उत्पादन था, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में बिजली पहुंच सके। वहीं, इस झील से छोडे़ गए पानी का उपयोग बिहार और यूपी के निचले इलाकों में कृषि के लिए भी किया जाता है। झील के पानी का इस्तेमाल सोनभद्र के ताप केंद्रों में कूलिंग के लिए भी किया जाता है। साथ ही, इसका औद्योगिक उपयोग भी होता है। प्राकृतिक रूप से देखें, तो झील से एक बड़ी आद्रभूमि भी बनी है, जो कि पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अच्छी पहल थी। हालांकि, बांध निर्माण के दौरान कई लोगों को विस्थापन की मार भी झेलनी पड़ी थी।
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