The Union Cabinet accorded approval for revising the benchmark prices for Nutrient Based Subsidy of fertilizers for the year 2011-12. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2011-12 के लिए फास्फेट और पोटास वाले उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित रियायत (NBS) में संशोधन के लिए प्रस्तावों को 28 अप्रैल 2011 को मंजूरी प्रदान की. इस मंजूरी से वित्तवर्ष 2011-12 में उर्वरक उत्पादक और आयातक, उर्वरक और उनका कच्चा माल आयात कर सकेंगे और देश में उनका उत्पादन भी कर सकेंगे. इससे इन उर्वरकों की घरेलू कीमतों में बढ़ोत्तरी नहीं होगी. देशभर के किसान अधिकतम खुदरा मूल्य पर रियायत के साथ उर्वरक खरीद सकेंगे.
पोटास और फास्फेट उर्वरकों के लिए 2011-12 में 33 हजार 500 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है. यद्यपि यह कुल रियायत व्यय 2011-12 में उर्वरकों की कुल बिक्री पर निर्भर करेगी. परन्तु यह रियायत एक खरब तक पहुचने का अनुमान है. ये रियायतें एक अप्रैल 2011 से प्रभावी मानी गई.
विदित हो कि उर्वरक विभाग ने 2011-12 के लिए पोषक तत्व आधारित रियायत की घोषणा मार्च 2011 में ही कर दी थी ताकि उर्वरकों के आयातक और निर्माता आपूर्ति निविदाओं में शामिल हो सकें और देश में किसानों को उर्वरक उपलब्ध हो सके. इन रियायतों को 1 अप्रैल 2011 से लागू किया जाना था. हालांकि, उर्वरक कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की बढ़ती कीमतों और इनकी कम उपलब्धता की मौजूदा अंतरराष्ट्रीय स्थिति के मद्देनजर वित्तवर्ष 2011-12 में पहले से तय रियायतों के आधार पर आपूर्ति अनुबंध को अंतिम रूप देने में असमर्थता जताई थी. एक अंतर मंत्रालयी समिति ने इस पर विचार कर रियायत दरों में संशोधन की सिफारिश की थी. उसके बाद उर्वरक विभाग ने इन दरों में संशोधन का प्रस्ताव सरकार के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया था.
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