Director K Balachander was declared the winner of Dadasaheb Phalke Award for the year 2010 by the Information and Broadcasting Ministry on 29 April 2011. भारतीय सिनेमा की वृद्धि और विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए तमिल, तेलुगु, हिन्दी और कन्नड़ भाषाओं के दिग्गज फिल्मकार के बालाचंदर (K Balachander) को वर्ष 2010 का दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) 29 अप्रैल 2011 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रदान किए जाने की घोषणा की गई.
ज्ञातव्य हो कि वर्ष 1987 में उन्हें पद्मश्री प्रदान किया गया था. वर्ष 1973 में तमिलनाडु सरकार द्वारा उन्हें कलाईममानी की उपाधि से सम्मानित किया गया था. के बालाचंदर (K Balachander) ने आंध्र प्रदेश सरकार से स्वर्ण नंदी और रजत नंदी पुरस्कार भी प्राप्त किया है.
के बालाचंदर (K Balachander) का जन्म तमिलनाडु के तंजावुर में जुलाई 1930 में हुआ था. शुरूआती दिनों में मेजर चंद्रकांत, सरवर सुंदरम, नानल और नीरकुमिझी जैसे अपने अद्भुत नाटकों की वजह से एक नाटककार के रुप में प्रसिद्धि मिली थी. वर्ष 1965 में वह फिल्म उद्योग में आए और नागेश अभिनीत अपनी पहली ही फिल्म नीरकुमिझी से ही उन्हें ख्याति मिल गई थी. उसके बाद से के बालाचंदर (K Balachander) ने अनेक फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया. उनकी उल्लेखनीय फिल्मों में अपूर्वा रागागल, अवर्गल, 47 नटकल, सिंधु भैरवी, मारो चरित्र (सभी तमिल) एक दूजे के लिए (हिन्दी), तेलुगु में रुद्रवीणा और कन्नड में अरालिदा हूवु शामिल हैं.
के बालाचंदर (K Balachander) की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्में हैं - इरु कोडुगल (तमिल में सर्वश्रेष्ठ फीचर के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार), अपूर्वा रागांनगल (तमिल में सर्वश्रेष्ठ फीचर के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार), थनीर थनीर (तमिल में सर्वश्रेष्ठ फीचर और सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार), अच्चामिल्लई अच्चामिल्लई (तमिल में सर्वश्रेष्ठ फीचर के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार), रूद्रवीणा (तेलुगु, राष्ट्रीय एकीकरण पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नर्गिस दत्त पुरस्कार), और ओरु वीडु इरु वासल (तमिल, अन्य सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार).
के बालाचंदर (K Balachander) फिल्म निर्देशन, निर्माण औऱ पठकथा लेखन से 45 वर्षों से भी अधिक समय से जुडे रहे हैं. उन्होंने तमिल, तेलुगु, हिन्दी और कन्नड़ भाषाओं की 100 से भी अधिक फिल्मों का लेखन, निर्देशन और निर्माण किया. के बालाचंदर (K Balachander) फिल्म निर्माण की अपनी अनोखी शैली के कारण जाने जाते हैं. उन्होंने जिन फिल्मों का लेखन और निर्माण किया है, उसमें असामान्य अथवा जटिल अंतर-व्यक्तिगत संबंधों और सामाजिक विषयों का विश्लेषण है.
के बालाचंदर (K Balachander) में नवीन प्रतिभाओं को पहचानने की अद्भुत क्षमता है. भारतीय सिनेमा जगत के बहुत से सितारों को प्रसिद्धि दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिसमें रजनीकांत, कमल हसन, प्रकाशराज और विवेक जैसे सितारे भी शामिल हैं.
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