बिहार विधानसभा में ‘बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार विधेयक-2015’ 4 अगस्त 2015 को पारित हुआ. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में ‘बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार विधेयक-2015’ को पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.

‘बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार विधेयक-2015’ के साथ ही साथ बिहार विधानसभा ने तीन अन्य विधेयकों- बिहार मूल्यवर्द्धित कर (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2015, बिहार कराधान विवाद समाधान विधेयक- 2015 और बिहार भूमि विवाद निराकरण (संशोधन) विधेयक 2015 पर भी विधानसभा ने अपनी मुहर लगा दी.
‘बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार विधेयक-2015’ से संबंधित मुख्य तथ्य:
• शासन व्यवस्था को जवाबदेह बनाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए यह कानून लाया गया है. इस कानून से लोगों को अधिकार मिलेगा.
• इस कानून के तहत अगर प्रमाणित हुआ कि लोकशिकायतों के निवारण में किसी लोकसेवक ने दायित्व निभाने में लापरवाही बरती है तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी. उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है.
• इसके तहत लोगों को शिकायत निवारण का अधिकार मिले इसकी व्यवस्था भी की गई है.
• प्राधिकार को सक्षम बनाया गया है. उसके पास सिविल कोर्ट जैसी ताकत होगी. वह किसी को बुला सकता है, सम्मन जारी कर सकता है, कोई कागज मंगा सकता है. लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा.
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