सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Cricketer Sourav Ganguly) को पश्चिम बंगाल में दी गई 63 एकड़ जमीन का आवंटन 26 मई 2011 को रद्द कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके गांगुली की अध्यक्षता वाली पीठ ने जमीन आवंटन में सही प्रक्रिया न अपनाने के कारण इस फैसले को रद्द किया. सर्वोच्च न्यायालय ने सौरव गांगुली को दो सप्ताह के भीतर राज्य सरकार को जमीन लौटाने का आदेश दिया.
विदित हो कि यह जमीन तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार ने उन्हें वर्ष 2000 में कोलकाता के सॉल्ट लेक इलाके में क्रिकेट अकादमी बनाने के लिए दी थी. राज्य सरकार के इस फैसले का उस समय ही स्थानीय निवासियों और एक गैरसरकारी संगठन ने यह कहकर विरोध किया था कि इस भूमि की वास्तविक कीमत उससे कहीं ज्यादा है जितने में इस क्रिकेटर ने जमीन को खरीदा है. इसके खिलाफ पश्चिम बंगाल के एक गैरसरकारी संगठन ने कोलकाता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.
इससे पहले कोलकाता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के सौरव को स्कूल निर्माण के लिए दी जाने वाली भूमि के फैसले को सही ठहराया था.
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