सार्वजनिक क्षेत्र की राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ने अपने प्रस्तावित प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आइपीओ) को ध्यान में रखते हुए 1,000 रुपये मूल्य के शेयर को दस रुपये प्रति शेयर के 100 शेयरों में विभाजित करने का फैसला किया. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को केंद्र सरकार से इस संबंध में अनुमति मिल गई.
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के विशाखापट्टनम के पंजीकृत कार्यालय में 21 अप्रैल 2012 को हुई असाधारण आम बैठक में कंपनी के शेयरधारकों (मुख्यत: केंद्र सरकार) ने कंपनी के नए संविधान को अपनाया, जिससे कंपनी अब पब्लिक लिमिटेड हो गई. शेयर विभाजन की मंजूरी से कंपनी को प्रस्तावित प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आइपीओ) के लिए ज्यादा खुदरा भागीदारी हासिल होगी. इस निर्णय से छोटे निवेशक भी कंपनी के शेयरों में निवेश कर सकेंगे.
ज्ञातव्य हो कि राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड इस निर्णय से पूर्व पूर्ण रूप से भारत के राष्ट्रपति के स्वामित्व वाली कंपनी थी. इस कारण इस्पात मंत्रालय में अवर सचिव सरिता तनेजा कंपनी में हुई असाधारण आम बैठक में राष्ट्रपति के नामित प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुईं. साथ में आरआइएनएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एपी चौधरी भी मौजूद थे.
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