राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने हिमाचल प्रदेश सरकार को राज्य में लैंगिक अनुपात की स्थिति पर रिपोर्ट देने का निर्देश 20 अगस्त 2014 को दिया.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर उन्हें चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अजन्मी बालिकाओं के मानवाधिकारों जैसे गंभीर मुद्दों पर सवाल उठाए हैं.
मीडिया में उन रिपोर्टों के आधार पर, जिसमें दावा किया गया है कि पिछले दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश के उना जिले के 25 पंचायतों मे लैंगिक अनुपात खतरनाक स्थिति तक नीचे आ गई है, के बाद एनएचआरसी ने स्वप्रेरणा से कार्रवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया. यहां पर 1000 बालकों पर सिर्फ 500 बालिकाएं ही हैं.
इसके अलावा, कुछ पंचायतों में तो इससे भी खराब लैंगिक अनुपात है. जन्म से पहले लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध होने के बावजूद राज्य में बड़े पैमामे पर गर्भपात के लिए महिलाओं को मजबूर किया जाता है.
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